copyright

Monday, February 17, 2020

नवगीत खिलखिलाई ये धरा ●संजय कौशिक 'विज्ञात'●


नवगीत 
खिलखिलाई ये धरा 
संजय कौशिक 'विज्ञात' 

मुखड़ा/पूरक पंक्ति ~~ 16/14 
अंतरा ~~ 16/14 

बादलों ने ली अंगड़ाई, 
खिलखिलाई ये धरा भी। 
सावनी लहरें लंगराई, 
खुसफुसाई ये धरा भी॥ 
 
1
कैशोर्य रूप यौवन झलके,  
महके चारों दिश न्यारी। 
उपवन हर्षित हो कर महके,
पुलकित तन की फुलवारी। 
रस रंगों से  भरी कगारें,
यौवन की बढ़ती क्यारी। 
अंग-अंग श्रृंगार सजाकर, 
बनी सुंदरी  मनोहारी।

कंपित करते शब्द मेघ सुन, 
हरहराई  ये धरा भी।
बादलों ने ली अंगड़ाई,
खिलखिलाई ये धरा भी।

2
बाह्य आवरण कर आकर्षक, 
अन्तस् धड़कन तेज कहे।
नेह कल्पना कर साजन से, 
संदेशे फिर भेज कहे।
नदी प्रवाहित भरे हिलौरें, 
ज्यों सागर की सेज कहे।
और समर्पण मर्यादित सा, 
सच्चा ये पंकेज कहे।

सोच अचंभित दृश्य मनोरम,
लहलाहाई ये धरा भी।
बादलों ने ली अंगड़ाई, 
खिलखिलाई ये धरा भी।

संजय कौशिक 'विज्ञात' 

@vigyatkikalam

19 comments:

  1. लाजवाब नवगीत....प्राकृतिक बिम्ब बहुत ही खूबसूरती से उकेरे गए हैं और पंक्ति में श्रृंगार रस की महक उसे और सुंदर बना रही है ...अद्भुत लेखन ...आपकी हर रचना प्रेरणादायक है ...आपकी कल्पनाशक्ति लाजवाब है ...सादर नमन 🙏🙏🙏

    ReplyDelete
  2. बहुत ही खूबसूरत नवगीत .....बधाई हो

    ReplyDelete
  3. बहुत सुंदर लाजवाब पंक्तियां श्रृंगार रस में बहुत सुन्दर एक से बढ़कर एक नमन आपकी लेखनी को

    ReplyDelete
  4. अति सुन्दर सर जी

    ReplyDelete
  5. शृंगार रस का सरस नव गीत।
    सुंदर बिंब सुंदर उपमाएं सुंदर शब्दों का संयोजन ।

    ReplyDelete
  6. शब्द नहीं है मेरे पास केवल आपकी लेखनी को नमन करने के सिवाय

    ReplyDelete
  7. बहुत सुंदर ,माधुर्य माधुर्यपूर्ण , प्राकृतिक सौंदर्य से युक्त सरस नवगीत। बधाई।

    ReplyDelete
  8. बेहतरीन नवगीत सृजन
    आ.सर जी शुभकामनाएं 🙏

    ReplyDelete
  9. मानवीकरण अलंकार के साथ श्रृंगार रस का सङ्गोपांग चित्रण एक श्रेष्ठ साहित्यकार की पहचान है, जो आपके इस रचना में परिलक्षित होता है।। "मंगलकामना"

    ReplyDelete
  10. बहुत सुंदर गीत,अदभुत लेखन

    ReplyDelete
  11. प्रकृति में श्रृंगार.... वाह,,, अद्भुत सामंजस्य

    ReplyDelete
  12. अनुपम अद्भुत सुन्दर कल्पना

    ReplyDelete
  13. खूबसूरत शब्द चयन के साथ अद्भुत भाव।बहुत शानदार नवगीत 👌👌👌👌👌👌👌

    ReplyDelete