*ताटंक छंद* ◆राष्ट्र भाषा हिन्दी हो घोषित◆
■संजय कौशिक 'विज्ञात'■
शिल्प विधान:
ताटंक छन्द अर्द्धमात्रिक छन्द है। ताटंक छंद में भी दोहा की तरह चार चरण होते हैं, इसके विषम पद में 16 मात्राएं होती हैं और सम पद में 14 मात्राएँ होती हैं। सम चरणों का तुकांत समुकान्त रखा जाता है।
इसमें विषम पद के अन्त को लेकर कोई विशेष आग्रह नहीं है। परंतु, चरणान्त तीन गुरुओं से होना अनिवार्य है। यानि सम पद का अंत 3 गुरु से होना आवश्यक है।
16 मात्रिक वाले पद का विधान और मात्रा बाँट ठीक चौपाई छंद वाला है। 14 मात्रिक पद की अंतिम 6 मात्रा सदैव 3 गुरु SSS होती है।
ताटंक
भारत के माथे की बिन्दी, हिन्दी हमें सजानी है।
यही राष्ट्रभाषा हो घोषित, अब आवाज उठानी है॥
सजी धजी मनमोहक लगती, सबकी यह पहचानी है।
बच्चा बोले प्यारी बोली, इसकी चूनर धानी है॥
संसद सारी गूंज उठे अब, प्यारी हिन्दी बोली से।
लड़े लड़ाई जनता सारी, राजनीति की टोली से॥
भारत की भाषा हो हिन्दी, मिलके आगे लानी है।
तब विकास होगा भारत का, ये गंगा का पानी है॥
धर्म-अर्थ की राजनीति में, हिन्दी को अपनाना है।
सरल, सरस, मीठी बोली ये, सबको यह समझाना है॥
अनुच्छेद शत विंशति से अब, अंग्रेजी हटवाना है।
संसद में अपमानित हिन्दी, उसको हक दिलवाना है॥
देवनागरी हिन्दी लिपि से, विश्व पटल को आशा है।
शासकीय उपयोगों मे क्यों, अंग्रेजी ही भाषा है॥
विनिर्दिष्ट संशोधन हो अब, जन-जन की अभिलाषा है।
नही राष्ट्रभाषा बनती है, तब तक घोर निराशा है॥
दिल्ली अब क्या सोच रही है, कथनी क्यों अब बाँकी है।
कुर्सी से चिपकी जिह्वा है, या कुर्सी में टाँकी है॥
सदियों तक तेरे साहस के, किस्से गाये जायेंगे।
संसद के अभिभाषण सारे, जब हिन्दी मे पायेंगे॥
शुभ अवसर 'कौशिक' आया है, लिखनी नई कहानी है।
यही राष्ट्रभाषा हो घोषित, यह आवाज उठानी है॥
संजय कौशिक 'विज्ञात'
हार्दिक बधाई हो सर
ReplyDeleteशिल्प विधान के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय 🙏
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर और सार्थक रचना...हिन्दी राष्ट्र भाषा घोषित हो यह बहुत ही उत्तम माँग... यह हर भारतवासी की मनोकामना है और एक दिन पूर्ण अवश्य होगी ....शानदार रचना की ढेर सारी शुभकामनाएं 💐💐💐💐
विश्व हिंदी दिवस पर सामयिक और सार्थक प्रस्तुति
ReplyDeleteबधाई
मेरे रचनाघर में आपका हार्दिक स्वागत
https://drramkumarramarya.blogspot.com/2020/01/blog-post.html?m=1
जी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(१२-०१-२०२०) को "हर खुशी तेरे नाम करते हैं" (चर्चा अंक -३५७८) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
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अनीता सैनी
सुंदर रचना
ReplyDeleteहिंदी से सुंदर और भव्य भाषा नहीं है कोई, आपने तो ये रचना सृजन करके हिंदी को उपहार दिया
ReplyDeleteवाह क्या बात है सर कमाल है कि आप हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाना चाहते हैं🙏🙏🙏 हमारी भी यही दुआ है कि हिंदी राष्ट्रीय भाषा बने.
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