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Wednesday, January 29, 2020

●शोकहर/सुभंगी छंद● ◆संजय कौशिक 'विज्ञात'◆



●शोकहर/सुभंगी छंद●
◆संजय कौशिक 'विज्ञात'◆

शोकहर/ सुभंगी छंद दोनों छंद में 30 मात्राएं होती हैं ये मात्रिक छंद है इसके प्रत्येक चरण में 8,8,8,6 की यति से (अंत गुरु, गुरु अनिवार्य सहित) 30 मात्राएं होती हैं। जगण चौकल प्रयोग वर्जित है। 
पहली-दूसरी यति तुकांत, चार चरण समतुकांत, 
चरणांत गुरु गुरु 

नशा रोग ये, रहे भोग ये,
रोज  झगड़ते, नर-नारी।

घर-घर झगड़े, फूटें जबड़े,
सहती नारी, बेचारी॥

बना नरक घर, नहीं फरक पर, 
जिनको बोतल, है प्यारी।

छूटे यह लत, पीयें अब मत,
हो न लड़ाई, फिर भारी॥

मिटा होश दे, घटा जोश दे, 
करे तिजौरी, को खाली।

कर बदहाली, रोता माली,
गई मुखों की, सब लाली॥

मिटे नाम भी, पिटे काम भी,
मिले सभी से, बस गाली।

लत छुड़वायें, रोग मिटायें, 
अभियान चले, खुशहाली॥

रिश्ते सारे, बनें सहारे,
अच्छी आदत, तब जानो।

सब कुछ खोया, जैसा बोया
अब तो इसको, पहचानो॥

मित्रो आओ, नशा मिटाओ, 
सभी मनों से, अब ठानो।

नशा मुक्त हो, ख़ुशी युक्त हो, 
मिलती खुशियाँ, फिर मानो॥

संजय कौशिक 'विज्ञात'

84 comments:

  1. बहुत सुंदर लिखा आपने निःसंदेह संदेश समाजोपयोगी है।

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  2. वाह, नशाखोरी के विरुद्ध सुन्दर और सार्थक सन्देश है

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  3. बहुत ही सुन्दर रचना और एक नया छंद , बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है आदरणीय 🙏🌷

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  4. नशाखोरी के दुष्प्रभावों को दर्शाती हुई और नशामुक्ति का सुंदर संदेश देती हुई रचना

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  5. शब्द शिल्प के साथ भाव तारतम्यता अनूठी

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  6. शब्द शिल्प बेजोड़ एवं भाव विन्यास काबिले तारीफ

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  7. नशाखोरी से दूर रहने का संदेश 👌👌👌दोष,परिणाम,सुझाव रचना में बहुत अच्छेसे समझाया है 👌👌👌एक और छंद की जानकारी के लिए आभार 🙏🙏🙏

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  8. बहुत सुंदर लिखा आपने निःसंदेह संदेश समाजोपयोगी है।

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  9. नशा मुक्त हो, खुशी युक्त हो।
    मिलती खुशियाँ, फिर मानो।।
    वाह वाह बहुत खूब बेहतरीन जग को संदेश देती आप की हर एक सृजन।
    शोकहर/सुभंगी छंद की सुन्दर जानकारी
    आप की सोच और कलम को प्रणाम गुरु देव✍️👏👏

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  10. बहुत खूब आद. । अच्छी साहित्य साधना और समाज सेवा। जय माता दी।

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  11. वाहः नशा मुक्ति पर सार्थक लेख

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  12. अति उत्तम रचना के लिए बधाई

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  13. बहुत सुंदर जानकारी

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  14. मद्यपान से होने वाले नुकसान की ओर ध्यान आकर्षित करती एक बेहतरीन रचना आदरणीय 👌👌👌👌👌👌👌👌

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  15. मद्यपान से होने वाले नुकसान की ओर ध्यान आकर्षित करती एक बेहतरीन रचना आदरणीय 👌👌👌👌👌👌👌

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  16. बहुत बढ़िया रचना सर जी
    बधाई हो

    महेन्द्र देवांगन माटी

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    1. आत्मीय आभार आपका महेंद्र देवांगन माटी जी

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  17. आदरणीय बेहतरीन रचना

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  18. अच्छी सेवा कर रहे हैं आप साहित्य की। हार्दिक बधाई

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    1. आत्मीय आभार आपका आशा शैली जी प्रेरणा पुंज आप ही रही हैं

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  19. एक सार्थक संदेश देती उपयोगी रचना ,एक और नये छंद की जानकारी ,
    नशे के सभी ऋणात्मक पहलुओं पर सटीक व्याख्या करती सुंदर रचना।

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    1. आत्मीय आभार कुसुम कोठारी जी प्रोत्साहना के लिए पुनः आभार

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  20. समाज को आईना दिखाती आपकी रचना।
    मधुसिंघी

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  21. सुशीला जोशी , समाज को सीख देती सुंदर मात्रिक घनाक्षरी । निस्संदेह आप में छंद बसते हैं ।बहुत बहुत बधाई ।

    सुशीला जोशी ,मुजफ्फरनगर

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  22. छंद लेखन में आपका हाथ काफी सधा हुआ है। बहुत खूबसूरत सृजन ।बधाई

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  23. बहुत सुंदर जानकारी। बधाई।

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    1. आत्मीय आभार विद्या भूषण मिश्र जी

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  24. अतिसुंदर लेखन आ.सर जी बधाई व शुभकामनाएं 🙏🏻

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  25. वाह बहुत खूब सर जी बधाई हो

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  26. बहुत सुन्दर सर जी

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  27. बहुत सुन्दर सर जी

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  28. उत्कृष्ट सृजन,

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  29. समाज में व्यापक रुप से व्याप्त नशे की गंदी लत के विरुद्ध आपकी निर्दोष लेखनी ने बड़ी शालीनता के साथ सामाजिक दुर्बलता पर शाब्दिक शस्त्र द्वारा पुरजोड़ प्रहार प्रहार किया है.. आपकी संदेशात्मक रचना निःसंदेह सराहनीय है... साधुवाद आपको

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    1. लता सिन्हा ज्योतिर्मय

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    2. आत्मीय आभार आपका लता सिन्हा ज्योतिर्मय जी

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  30. सभ्य समाज के संरक्षण में नशा मुक्ति का यह छन्द बद्ध सर्जना वरेण्य है। छन्द कार "विज्ञात" जी!को कोटिशः बधाई प्रषित है।

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  31. वाह बहुत सुंदर और सार्थक रचना आदरणीय 👌👌

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  32. समाजहितैषी शानदार छंद।

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    1. आत्मीय आभार आपका चौवा राम बादल जी

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  33. क्या मस्त लिखा है

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  34. बहुत अच्छा है

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  35. बहुत सुंदर लिखा आपने निःसंदेह संदेश समाजोपयोगी है।

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