चामर छंद ●●संजय कौशिक 'विज्ञात'●●
चामर छन्द यह वार्णिक छंद है जिसमें 15 वर्ण होते हैं इस छंद में 4 चरण होते हैं प्रति दो चरण तुकांत समतुकांत होता है इस छंद को मापनी और गण से समझते हैं
21×7+गुरु {212 121 212 121 212}
रगण जगण रगण जगण रगण
◆◆◆सुता युगी युगेश की◆◆◆
बेटियां बढ़ा रही महान शान देश की
खेल खेलती बढ़ी सुता युगी युगेश की
आज राष्ट्र देख ले धरोहरें यही बनीं
शस्त्र थाम फौज में दिखें सदा खड़ी तनीं
शौर्यता प्रमाण से सशक्त वीरता भरी
युद्ध क्षेत्र निर्भया बढ़ी चली बिना डरी
लौटती निशान ले तिरंग जीत हाथ में
काट शीश सैकड़ों विशेष शीश साथ में
बंद भेद हो अभी कमी न आंकना सुनो
तोड़ बेड़ियाँ बढ़ो कि बेटियां सभी चुनो
सीखलो व देख लो कि गाँव-गाँव में सभी
बेटियां बढ़ी चली कि जीत भी मिली तभी
चन्द्र पार जा चुकी धरा व अभ्र मापती।
हाथ चूड़ियों भरे हया व लाज छापती॥
प्रेरणा युगी बनी सुता युगी विशेष की।
कल्पना यथार्थ में प्रभाव शील शेष की॥
संजय कौशिक 'विज्ञात'
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ReplyDeleteचामर छंद पर आधारित खूबसूरत सृजन 👌👌👌 रचना ऐसी है कि गुनगुनाने का मन करे। बहुत बहुत बधाई इस लाजवाब सृजन की 💐💐💐 इस सुंदर छंद के विषय में ज्ञानवर्धक जानकारी देने के लिए बहुत बहुत आभार आदरणीय 🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteआत्मीय आभार विदुषी जी
Deleteबंद भेद हो अभी कमी न आंकना सुनो
ReplyDeleteतोड़ बेड़ियाँ बढ़ो कि बेटियां सभी चुनो
सीखलो व देख लो कि गाँव-गाँव में सभी
बेटियां बढ़ी चली कि जीत भी मिली तभी
"चामर छंद'वाह वाह बहुत खूब बेहतरीन जानकारी
आत्मीय आभार सुवासिता जी
DeleteJai shri Krishna
ReplyDeleteवाह!! अद्भुत रचना 👌👌
ReplyDeleteबेटियों को प्रेरित करती हुई रचना
आत्मीय आभार अनंत जी
Deleteबेहतरीन अनुपम छंद आ.सर जी🙏🏻
ReplyDeleteआत्मीय आभार सविता जी
Deleteएक नम्बर बहुत सुन्दर देशभक्ति और बेटियों के भाव बहुत सुन्दर कमाल है नमन आपकी लेखनी
ReplyDeleteनम्बर प्राप्त कर सफल हुआ सृजन आत्मीय आभार पूनम जी
Deleteवाहहह अद्भुत रचना 👌👌👌👌
ReplyDeleteआत्मीय आभार अनुराधा जी
Deleteवाह, बहुत सुन्दर रचना... मैंने तो पूरे छंद गुनगुनाते हुए ही पाठ किए...जय हो
ReplyDeleteलता सिन्हा ज्योतिर्मय
आत्मीय आभार लता सिन्हा ज्योतिर्मय जी
Deleteबहुत बढ़िया रचना सर जी
ReplyDeleteबधाई हो
महेन्द्र देवांगन माटी
आत्मीय आभार महेंद्र देवांगन माटी जी
Deleteबहुत सुन्दर सर जी
ReplyDeleteआत्मीय आभार बोधन जी
Deleteबहुत सुंदर उम्दा रचना
ReplyDeleteआत्मीय आभार मंजरी जी
Deleteबहुत सुन्दर और शिक्षाप्रद।
ReplyDeleteआत्मीय आभार डॉ. सरला जी
Delete"प्रेरणा युगी बनी सुता" यथार्थ चित्रण,निर्विवाद रचना।
ReplyDeleteआत्मीय आभार प्रधान जी
Deleteवाह!!!!
ReplyDeleteबहुत ही लाजवाब सृजन
शत शत नमन आपको और आपकी लेखनी को आदरणीय,🙏🙏
आत्मीय आभार सुधा जी
Deleteअद्भुत कृति आदरणीय।इस कृति के माध्यम से एक और नवीन छंद की जानकारी मिली।
ReplyDeleteआत्मीय आभार आपका
Deleteलाजवाब सृजन चामर छंद बहुत ही सुन्दर सर जी👌👌👌👌👏👏👏👏🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteआत्मीय आभार आपका
Deleteनारी महत्ता बताता सुंदर छंद सृजन, भाव बहुत सुंदर और बेड़ियों से आजाद होती नारी का उभरता दृढ़ रूप, बहुत सुंदरता से गीत में ढ़ाला है आपने।
ReplyDeleteअनुपम।
आत्मीय आभार कुसुम कोठारी जी
Deleteआ0 बेटियों पर उत्कृष्ट भाव पूर्ण उत्कृष्ट छन्द सृजन
ReplyDeleteआत्मीय आभार अनिता सुधीर जी
DeleteByc
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteआत्मीय आभार आपका
Deleteअद्धभुत चामर
ReplyDeleteआत्मीय आभार आपका
Deleteबहुत ही सुंदर चामर छंद रचना
ReplyDeleteआत्मीय आभार रजनी रामदेव जी
Deleteबहुत खूबसूरत रचना
ReplyDeleteआत्मीय आभार रजनी रामदेव जी
Deleteबहुत खूबसूरत रचना
ReplyDeleteअत्यंत उत्कृष्ट, शिक्षा प्रद रचना
ReplyDeleteआत्मीय आभार अतिया जी
Deleteऐसी रचनाएं वर्तमान समय की बड़ी आवश्यकता को संतुष्ट करती हैं।
ReplyDeleteसुन्दर रचना।