चौपई / जयकारी छंद संजय कौशिक 'विज्ञात'
चौपई एक सममात्रिक छन्द है। इस छन्द में चार चरण होते हैं। चौपई के प्रत्येक चरण में 15 मात्राएँ होती हैं जिसका अंत गाल गुरु लघु से किया जाता है । इस छंद की लय बहुत आकर्षक होती है बाल साहित्य के लिए यह छंद सबसे उत्तम बताया जाता है।
चौपाई की 16 मात्राओं में से अंत की एक मात्रा घटा दी जाती है और उसे गाल लिखा जाता है आइये इसे उदाहरण देख कर आसानी से समझते हैं
बचपन
बचपन वाले नन्हें हाथ,
सदा निभाते सबका साथ।
दादी जब सहलाती माथ,
दादा बन जाते तब नाथ॥
तितली परियों की वे बात,
सुनते जब हो जाती रात।
बंदर की फिर चढ़ बारात,
नाचे भालू हाथी तात॥
नाना के घर प्यार अपार,
मिलता इतना लाड दुलार।
नानी की बातों का सार,
समझा कब बचपन व्यवहार॥
लौट नहीं सकता वो काल,
करते थे जब खूब धमाल।
बचपन की मस्ती की चाल,
आती हैं वो याद कमाल॥
संजय कौशिक 'विज्ञात'
उदाहरण न. 2 भी देखें
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चौपई
संजय कौशिक 'विज्ञात'
भारत का हिस्सा कश्मीर, जन-जन का किस्सा कश्मीर।
दानवता पिस्सा कश्मीर, मांग बीस बिस्सा कश्मीर॥
अपनी हद भूला है पाक, रखता हरदम ये ही ताक।
कितनी बार कटाई नाक, नहीं छोड़ता हठ ये काक॥
गिरगिट से जो बदले रंग, देख जमाना रहता दंग।
ये नित करना चाहे जंग, पर कितने लाचार अपंग॥
मानवता का छोड़ लिबास, बैरी देखो लगता खास।
रोज रचे षडयंत्र पचास, एक नहीं चलने की आस॥
भारत माँ के वीर सपूत, टूट पड़ें बनके यमदूत।
लौह पुरुष ये हैं मजबूत, इनसा कौन दिखे अवधूत॥
एक तिरंगा सबकी शान, बोल उठे गर हिंदुस्तान।
फिर आयेगा वो तूफान, बह जायेगा पाकिस्तान॥
आतंकी गतिविधि दे छोड़, सभी निकालें पाक मरोड़।
समझाया समझो ये तोड़, फिर समझायें छाती फोड़॥
मातृभूमि की रख लें लाज, टूट पड़ेंगे बनके बाज।
सुन सको सुनो इनकी गाज, विश्व विजेता भारत आज॥
संजय कौशिक 'विज्ञात'
अति उत्तम छंद सर जी
ReplyDeleteवाह बहुत बढ़िया
ReplyDeleteबहुत खूब आद. वाह
ReplyDeleteवाह अनुपम अनोखा सृजन ।
ReplyDeleteछंद की विस्तृत जानकारी उपयोगी, काव्य सृजन रत रचनाकारों के लिए एक और सुंदर सरस विषय।
वाह बेहतरीन, एक और नया छंद, बहुत सुंदर अभिव्यक्ति 👌👌👌👌👌
ReplyDeleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteएक तिरंगा सबकी शान, बोल उठे गर हिंदुस्तान।
ReplyDeleteफिर आयेगा वो तूफान, बह जायेगा पाकिस्तान।।
गजब
शानदार चौपई।
ReplyDeleteअनुपम...
ReplyDeleteउम्दा रचना दादा जी
ReplyDeleteउत्कृष्ट रचना
ReplyDeleteबहुत खूब जी 👌👌👌☺️
ReplyDeleteचौपई छंद की विस्तृत जानकारी के साथ खूबसूरत 2 रचनाएँ 👌👌👌 बचपन ने सच में बचपन याद दिला दिया तो कश्मीर ने मन को हिला दिया ...ढेर सारी बधाई शानदार सृजन की और नमन 🙏🙏🙏💐💐💐
ReplyDeleteवाह वाह चौपई छंद की विस्तृत जानकारी
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ReplyDeleteशानदार चौपाई आदरणीय
ReplyDeleteदोनों ही चौपई बहुत ही अद्भुत भावों से सजी हैं।एकदम अनूठी।एक ओर जहाँ मासूम बचपन की बातें हैं वहीं दूसरी ओर कश्मीर और पाकिस्तान।गजब चलती है आपकी कलम आदरणीय।👌👌👌👌👌👌
ReplyDeleteबेहतरीन
ReplyDeleteआपकी रचनाएं/ब्लॉग उत्तम ज्ञान रंजन का माध्यम
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