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Tuesday, March 17, 2020

नवगीत : कुठाराघात : संजय कौशिक 'विज्ञात'



नवगीत 
कुठाराघात
संजय कौशिक 'विज्ञात' 

मापनी ~~ 16/16 

सागर की लहरों के ऊपर, 
झूल रही जीवन की नौका।
देख कुठाराघात समय का,
ढूंढ रही खुशियाँ भी मौका।

1
एकाकी का अजगर जकड़े,
है बारात भले तारों की।
मित्र तिमिर है भाग्य हमारा, 
आज परख हो सब प्यारों की।
चमक रहे खद्योत कहाँ पर, 
दूर निकट फिर उन सारों की।
झींगुर कितने गूंज रहे हैं, 
और सुनें ध्वनि उन नारों की।

नाभि चुभी सूई की पीड़ा,
श्वान कहाँ से समझे भौका।
देख कुठाराघात समय का,
ढूंढ रही खुशियाँ भी मौका।

2
दूर खड़ा वो देख गगन ध्रुव, 
आज अकेला वो भी कहता।
सत्य अटल हिय शाश्वत सच सा, 
नित्य निरन्तर देखो दहता।
झूल रहा मैं जिन पलड़ों में, 
पीड़ा शूलों जैसी सहता।
पैर नहीं टिकते धरणी पर, 
अधर- अधर ही हर क्षण रहता।

दिव्य क्षणों की बल्लेबाजी, 
मार रही जो छक्का चौका।
देख कुठाराघात समय का,
ढूंढ रही खुशियाँ भी मौका।

संजय कौशिक 'विज्ञात'

37 comments:

  1. अच्छी सृजन आदरणीय

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    1. आत्मीय आभार उमाकांत टैगोर जी

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    2. बहुत नयापन लिए सुन्दर रचना
      इस एकाकी अहसास का साथ निभाने मेरा एक छ्न्द समर्पित

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  2. समय बलवान है, यह शाश्वत सत्य है।निर्विवाद लेखनी के रचनाकार कोटिशः बधाई।

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  3. अद्भुत! नवगीत के लिए जैसे नये बिंब चहिए सटीक वैसे ही नव्या और अभिनव बिंब ,जिन तक पहुंचने के लिए हमें भी सतत प्रयास करने होंगे ।
    कल तक प्रतिस्थापित बिंबों की जड़ से नमी कोंपल प्रस्फूटित करनी होगी ।
    बहुत बहुत अभिराम अनुपम ।

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    1. आत्मीय आभार कुसुम कोठारी जी
      आपके बिम्ब बहुत सशक्त होते हैं

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  4. वाह !बहुत ही सुंदर सृजन आदरणीय सर
    सादर

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  5. बहुत सुंदर शिल्प👌👌

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    1. आत्मीय आभार वंदना सोलंकी जी

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  6. वाह, शानदार विम्ब का प्रयोग हुआ आदरणीय
    लाजवाब सृजन

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  7. आदरणीय आपकी रचना का कोई जवाब नहीं एक से बढ़कर एक, नमनl

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  8. बेहतरीन रचना आदरणीय 👌👌

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  9. अद्वितीय बिम्ब से सजी आ0 सुंदर सृजन

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  10. अप्रतिम रचना

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  11. नाभि चुभी सूई की पीड़ा,
    श्वान कहाँ से समझे भौका।
    देख कुठाराघात समय का,
    ढूंढ रही खुशियाँ भी मौका।
    वाह आदरणीय
    अप्रतिम सृजन आदरणीय 👏👏👏

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  12. दिव्य क्षणों की बल्लेबाजी,
    मार रही जो छक्का चौका।
    देख कुठाराघात समय का,
    ढूंढ रही खुशियाँ भी मौका।
    वाह बहुत खूब बेहतरीन सृजन गुरु देव

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    1. चमेली कुर्रे जी आत्मिय आभार

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  13. बेहतरीन नवगीत
    आ.सर जी शुभकामनाएं 🙏🏻🙏🏻

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  14. बहुत सुंदर आदरणीय आपकी यह रचना वाह

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  15. उत्तम रचना सर जी

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  16. Replies
    1. आत्मीय आभार अनुपमा जी

      जन्म दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं 🎂🎂🎂💐💐💐

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  17. बहुत सुंदर रचना

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  18. बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति :)

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