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Sunday, February 2, 2020

कलाधर छंद / कालधर घनाक्षरी संजय कौशिक 'विज्ञात'



कलाधर छंद / कालधर घनाक्षरी संजय कौशिक 'विज्ञात'

विधान: आज वार्णिक दण्डक छंद घनाक्षरी में विशुद्ध घनाक्षरी देखते हैं। गुरु लघु की पंद्रह आवृति और अंत में एक गुरु।अर्थात 2 1×15 तत्पश्चात एक गुरु।इस प्रकार 31 वर्ण प्रति चरण। उम्मीद है यह साधारण शिल्प समझ में आगया होगा। मापनी और गण व्यवस्था से भी पुनः समझते हैं ....
मापनी 
21212121, 21212121, 21212121, 2121212
गण : 
रगण जगण रगण जगण रगण जगण रगण जगण रगण जगण+गुरु वर्ण 


उदाहरण :

हिन्द देश है महान, विश्व में बड़ा प्रचार, 
            योग, वेद, सांख्य, ज्ञान, ध्यान आन जान लो।
मंत्र- तंत्र के प्रभाव, यंत्र के बहाव देख, 
                       घूमता दिमाग देख, वेग जोर मान लो॥
पंच तत्त्व के विवेक, चीर फाड़ काट नित्य 
                     बूटियाँ कमाल दूध, नीर आज छान लो।
हस्त-रेख, सूर्य-केतु, मेष-मीन, भूमि चाल,
                    शून्य खोज से असंख्य, ढूँढते विधान लो॥ 

                             संजय कौशिक 'विज्ञात'

35 comments:

  1. बहुत सुंदर लिखा है और सरल शब्दों में सीखा भी दिया आभार आपका 🙏

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  2. वाह!! वाह!! जितनी भी प्रशंसा की जाए कम है

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  3. शब्द सम्पदा से संपन्न सुंदर वेर्णिक छन्द

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  4. सुंदर छंद की सुंदर जानकारी 👌👌👌 रचना लाजवाब है...गागर में सागर जैसी रचना। देश की उपलब्धियों का सटीक चित्रण 👏👏👏 बहुत बहुत बधाई आदरणीय शानदार सृजन की ...सादर नमन 🙏🙏🙏

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  5. वाहः वाहः वाहः वाहः वाहः वाहः

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  6. आपके सानिध्य में बहुत कुछ सीखने को मिलता है।धन्यवाद

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  7. वर्णिक छंद और साथ ही साथ मापनी को भी साधते हुये लिखना सहज नहीं है किंतु आपकी लेखनी ने इसको भी बहुत ही सहजता के साथ लिख दिया।बहुत ही सुन्दर छंद👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌

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  8. वाहहहह अद्भुत लेखन,हर विधा को आपकी लेखनी और भी शानदार बना रही है। वाह बेहतरीन छंद 👌👌

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  9. वाह बहुत सुंदर।
    हम किनारे पर बैठे लहरें गिनते हैं, तबतक आप डुबकी लगा कर नायाब मोती लेकर जाते हो।
    बहुत शानदार सृजन और छंद के बारे में गहन जानकारी सरल शब्दों में ।
    कृति बहुत अच्छी बन पड़ी है ।
    बधाई और शुभकामनाएं।

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  10. लेकर आ जाते हो पढ़ें कृपया।

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  11. रचना में आध्यात्म गुरु इस महान देश की सभी उपलब्धियों को थोड़े में बहुत सुंदर से सहेजा है प्रशंसनीय।

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  12. बहुत ही सुन्दर बेहतरीन प्रवाह

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  13. वाह वाह बेहतरीन और लाजवाब सृजन गुरु देव

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  14. बहुत ही उम्दा प्रस्तुति दी है आपने

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  16. बहुत सुंदर आपकी यह रचना छंद में एक से बढ़कर एक

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  17. अति सुन्दर सर जी बधाई हो

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  18. बेहतरीन सृजन आ.सर जी शुभकामनाएं 🙏🏻🙏🏻

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  19. बेहतरीन सृजन आ.सर जी शुभकामनाएं 🙏🏻🙏🏻

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  20. संपूर्ण कला से परिपूर्ण अद्भुत कला धर छंद
    बधाई 💐💐
    धनेश्वरी धरा

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  21. सुशीला जोशी , मुजफ्फरनगर
    सुंदर कलाधर छंद ।गुरु लघु गुरु लघु के चार चरण और अंत मे गुरु । बहुत मनोहारी चाल का छंद । विज्ञात जी एक कुशल छन्दाचार्य । छंद साधने में सदैव प्रयास रत ।बधाई ।नमन ।

    सुशीला जोशी
    मुजफ्फरनगर

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  22. वाह 👌👌 बहुत ही सुन्दर कलाधर छंद।हिंद देश की समस्त विशेषताओं को चित्रण करता हुआ।गागर में सागर जैसा,शब्द-शब्द बोलता हुआ।

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  23. एक से बढ़कर एक छंदों की छटा बिखेरते हैं आप।हिन्द देश का गुणगान करती बेहतरीन रचना।

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  24. बहुत खूब आद., कठिन छंद में सुन्दर वर्णन।

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  25. अत्यंत प्रभावशाली रचना सर।

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  26. बहुत सुंदर रचना

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  27. लाजबाब कलाधर छंद।बधाई हो !👌💐

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  28. बहुत सुन्दर रचना है सर

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  29. चंद शब्दों में इतने विशाल विषय को प्रस्तुत करना प्रशंसनीय है ।
    शब्द चित्र के साथ साथ सार्थक चित्रों को समाहित करना आपके प्रस्तुतिकरण को बहुत आकर्षक बना देता है ।
    बहुत बहुत बधाई व शुभकामनाएं ।

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  30. बेहद शानदार। आप सब के प्रयास ही तो है वरना अगली पीढ़ी तक तो यह सब ख़त्म हो जाता बहुत बहुत बधाई सादर

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