भजन
उत्सव जयंती का
संजय कौशिक 'विज्ञात'
मापनी ~ 11/14
चोला चढ़ाने अब
तुम्हारे भक्त आएंगे
उत्सव जयंती का
मानते गीत गाएंगे।।
तुम अंजनी के सुत
पवन के पुत्र कहलाते
तिथि चैत्र की पूनम
सदा ही हर्ष छा जाते
ये पान का बीड़ा
तथा सिंदूर लाएंगे।।
हरना सभी के दुख
तुम्ही संकट हरण मोचन
हिय राम सीता नित
तुम्हारे यश हृदय लोचन
कल्याण करते हो
सदा तुमको मनाएंगे।।
करुणा करोगे जब
मिटेंगी त्रासदी सारी
हर्षित रहेगा मन
बने पहचान फिर न्यारी
सागर कृपा के तुम
तुम्हे अपना बनाएंगे।।
संजय कौशिक 'विज्ञात'
भक्ति रस में डूबी शानदार रचना 💐💐💐💐
ReplyDeleteबहुत सुंदर 👌👌👌
उत्तम भक्ति भाव से पूर्ण
ReplyDeleteबहुत सुदंर भजन🙏🙏🙏
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