गीत
सिक्का अहिंसा का
संजय कौशिक 'विज्ञात'
मापनी~ 11/14
लाठी उठा गाँधी
कहाँ से आ गया भारत
स्वाधीनता लाया
तभी तो छा गया भारत।।
योद्धा लड़ा प्रतिदिन
सराहा देश सारे ने
निर्मित तिरंगा कर
दिया झण्डा सहारे ने
गौरे भगा मारे
जिन्हें था भा गया भारत
राष्ट्रीय बापू बन
किया उद्धार दीनों का
इतना कठिन कारज
लगा जब कुछ महीनों का
सदियां खड़ी देखें
पदक सा पा गया भारत।।
प्राचीन तलवारें
नहीं थी रक्त की प्यासी
हलचल बहुत ये थी
हमारी मातृ क्यों दासी
सिक्का अहिंसा का
उछाला ठा गया भारत।।
संजय कौशिक 'विज्ञात'
सादर नमन 🙏
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर 👌👌👌
देशभक्ति से भरपूर ...बापू को याद करती सुंदर रचना 👌👌👌 लिखने का अंदाज अनोखा 💐💐💐💐
नई मापनी का अद्भुत गीत
ReplyDeleteबहुत सुदंर नई मापनी के साथ शानदार🙏🙏
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