🙏 भक्ति गीत 🙏
📕 *गीता का विधान* 📕
मन ही मन में जपता चल तू
गीता कहे विधान को
*हृदय बसा हनुमान को।।*
जीवन रथ पर ध्वज हो इनका
कृष्ण सारथी बनता जिनका
रचे वही विज्ञान को।।
*हृदय बसा हनुमान को।।*
अंगराज वो महावीर था
कर्ण नाम का दानवीर था
बढ़ा हाथ ले दान को।।
*हृदय बसा हनुमान को।।*
नेत्र हीनता होती घातक
तड़पे यूँ जन ज्यूँ खग चातक
ज्ञान नहीं अनजान को।।
*हृदय बसा हनुमान को।।*
अर्जुन बन अवसर जो पाते
युद्ध विजेता वे कहलाते
कृष्ण खड़े उत्थान को।।
*हृदय बसा हनुमान को।।*
संजय कौशिक बेरी वाला
राम नाम की रटता माला
समझ चले आख्यान को।।
*हृदय बसा हनुमान को।।*
डॉ. संजय कौशिक 'विज्ञात'
सादर नमन गुरुदेव 🙏
ReplyDeleteआकर्षक भक्तिमय सृजन की हार्दिक बधाई 💐
परम आदरणीय गुरुदेव सादर नमन🙏🙏🙏🙏🙏अति सुंदर भक्तिमय गीत🙏🙏
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर गीत
ReplyDeleteसादर नमन गुरु देव 👌🙏
बेहद खूबसूरत गीत गुरुदेव 🙏
ReplyDeleteबहुत सुंदर!आस्थ एंव भाव भक्ति से पूर्ण अप्रतिम सृजन।
ReplyDeleteअति सुंदर जय हो
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