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Saturday, September 11, 2021

नवगीत : हिंदी: आकर्षण का केंद्र : संजय कौशिक 'विज्ञात'


नवगीत
हिंदी: आकर्षण का केंद्र
संजय कौशिक 'विज्ञात'

मापनी 16/14

हिंदी भाषा का उजला मुख 
आकर्षण का केंद्र बना
रूप निहारे विश्व चकित सा
शब्दों का माधुर्य घना।।

गूढ़ रहस्य मयी ये भाषा 
संधि सदा अनुपम दिखती
और समास लगे अति उत्तम
काव्य विधा भी नित लिखती
वाक शक्ति से शब्द शक्ति तक 
फोड़े नित ये भाड़ चना।।

अनुप्रासी सा उच्चारण ये
मंत्र मुग्ध सा सम्मोहन
अर्थालंकारों के पट में
भावों का मंथन दोहन
सिद्ध प्रयोग स्वयं उठ बोले
इस भाषा का श्रेष्ठ तना।।

जड़ सिंचित संस्कृत ने करदी
अंचल पुष्प हरित पत्ती
शुष्क अधर पर रस की धारा
भर देती उर की खत्ती
गर्वित हिंदी पुलकित भारत
हर्षित है हर एक जना।।

©संजय कौशिक 'विज्ञात'

9 comments:

  1. नमन गुरुदेव 🙏
    बहुत ही शानदार नवगीत 👌
    मानवीकरण और शब्दशक्ति का अनुपम उदाहरण 💐💐💐 नूतन बिम्बों ने कथन को और प्रभावी बना दिया 🙏

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  2. बहुत ही सुंदर भावाभिव्यक्ति गुरुदेव

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  3. बेहतरीन अभिव्यक्ति बहुत सुंदर

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  4. बेहतरीन , अति सुंदर सृजन आदरणीय🙏🙏

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  5. बहुत सुंदर आदरणीय जी सादर नमन

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  6. बहुत ही शानदार गुरुदेव🙏🙏🙏

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  7. अप्रतिम अनुपम सृजन।

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