गीतिका
संजय कौशिक 'विज्ञात'
मापनी ~ 1212 212 122 1212 212 122
उधार खाता शुरू हुआ अब प्रबंध हुंडी नई-नई है।
महाजनी ऋण लिखा गया सब निखार मुंडी नई-नई है।।
पड़ाव अद्भुत विराट अनुपम समझ यही आ रहा प्रतिष्ठित।
निवास चौखट विशाल दिखती किवाड़ कुंडी नई-नई है।।
विभक्त हो छोड़ के गया घर रहस्य जीवन नहीं पता कुछ।
उदर अगन कष्ट भूख बिलखे अशांत टुंडी नई-नई है।।
उसे मिलें तो नहीं दिखे कुछ नहीं मिलें तो करे लड़ाई।
डरें सभी जन गली-गली में प्रसिद्ध गुंडी नई-नई है।।
पुकारता मन चला गया यूँ जगा नहीं नेह राग उसका।
ठहर अगर वो कहीं विचारे विरुद्ध मुंडी नई-नई है।।
बदल लिया आज धर्म उसने चला शिवाले उमंग लेकर।
प्रचार होता त्रिपुंड मस्तक विशेष चुंडी नई-नई है।।
विरोध जिसने किया तुम्हारा वही विरोधी तड़प उठे जब।
भड़ास मन में अटक गई वो खुली न घुंडी नई-नई है।।
किसान रोये खड़ा वहाँ पर उपज हुई वो विनष्ट जब से।
नहीं मिला जब सुझाव संजय बिसार सुंडी नई-नई है।।
कठिन शब्दों के अर्थ :-
हुंडी - महाजन द्वारा गुप्त भाषा में लिखित राशि।
मुंडी - महाजन के बही खातों में लिखी जाने वाली भाषा 'हिंदी मुंडी' जिसे मुंडी भी कहते हैं।
कुंडी - द्वार बंद करके ताला लटकता है जहाँ वह यंत्र
टुंडी - नाभि 'धरण का डिगना' जिससे पेट एकदम खाली हो जाता है अर्थात दस्त लगना
गुंडी - स्त्री गुंडी जैसे पुरुष गुंडा होता है
मुंडी - चेहरा
चुंडी - चोटी ( गंजा होने के बाद छोड़ी जाने वाली शिखा)
घुंडी - मन में दबी हुई रहस्य की बात
सुंडी - उपज को खराब करने वाला कीड़ा
©संजय कौशिक 'विज्ञात'
नमन गुरुदेव 🙏
ReplyDeleteआकर्षक गीतिका 💐💐💐💐
नूतन तुकांत का प्रयोग कथन को प्रभावी बना रहा है 👌👌👌अनुपम भाव 💐💐💐
उत्कृष्ट सृजन 🙏🌺
ReplyDeleteसुंदर आकर्षक सृजन।
ReplyDeleteलय, शिल्प 👌कथन अलग हट कर।
नया प्रयोग नई विचारधारा।
वाह, अनुकरणीय प्रयास गुरूदेव
ReplyDeleteनमन🙏💐
वाह अद्भुत सृजन 👌👌👌👌
ReplyDeleteउत्कृष्ट सृजन
ReplyDeleteअद्भुत रचना। नमन गुरु जी ।
ReplyDeleteअलग भाव लिए अनुपम रचना 👌👌 आ.
ReplyDeleteबहुत शानदार और सटीक रचना । कठिन शब्दों के भावार्थर सहित बहुत भाव । सादर नमन आपको ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर भाव
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शनिवार (18-06-2022) को चर्चा मंच "अमलतास के झूमर" (चर्चा अंक 4464) पर भी होगी!
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
वाह!गज़ब लिखा सर 👌
ReplyDeleteसादर