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Saturday, May 14, 2022

हिन्दी गजल : सनातन चाय : संजय कौशिक 'विज्ञात'



हिन्दी गजल 
सनातन चाय 
संजय कौशिक 'विज्ञात'
मापनी 28/28


चाय का आनंद चुस्की मौन तो पानी भला है।
फिर अगर है मौन पीना पीर पी जिसने छला है।।

चाय पत्ती कष्ट वाली कुछ घृणा मीठा समझले
चुस्कियों पर चुस्कियाँ ले रोग ये भूलो बला है।।

क्रोध उबले जब निकलता दूध डालो शांति वाला
फिर उबाले पर उबाले नेह की ये भी कला है।।

देख ईर्ष्या मान छलनी छानती जो अवगुणों को
छान देती रस गुणी वो स्वाद बन अदरक चला है।।

मोह मोहक बन सुगंधित लौंग का ये फूल घुलकर 
जो द्विषा लालच बिखेरे सोच ये किनसे टला है।।

लोभ प्याली एक कुनबा टूट कर बिखरे कभी क्यों 
चाय पीते सब रहें बस लो पकौड़ा भी तला है।।

चुस्कियाँ विज्ञात लेता कर सनातन चाय निर्मित
द्वंद्व अन्तस् का विजेता इस जगत में नित फला है।।

संजय कौशिक 'विज्ञात'

16 comments:

  1. क्रोध उबले जब निकलता दूध डालो शांति वाला
    फिर उबाले पर उबाले नेह की ये भी कला है।।

    बहुत सुंदर

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  2. नमन गुरुदेव 🙏
    बहुत ही अद्भुत चाय 👌
    लेखन की अनोखी शैली अत्यंत प्रेरणादायक है 💐💐💐

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  3. बहुत ही सुन्दर चाय की रेसिपी आदरणीय 🙏,

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  4. बहुत ही शानदार गुरुदेव की रचना अद्भुत लेखन प्रणाम आपको

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  5. वाह अद्भुत चाय👌👌👌👌 बेहतरीन सृजन आदरणीय।

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  6. वाह शानदार सनातन चाय 👌नमन गुरुदेव 🙏

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  7. वाह बहुत सुंदर, अद्भुत, अनुपम, अनुकरणीय रचना
    नमन गुरु देव 🙏💐

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  8. प्रतीकात्मक बिंब से उबाली सनातन मानवीय मूल्यों की अद्भुत चाय।
    हर कोई पी सकता है ऐसी चाय घर समाज और चाच की गुमटी लगा कर गाँव की चौपाल तक।
    सरस भावों का अप्रतिम सृजन।

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  9. वाह बहुत बढ़िया और अद्भुत चाय । हम भी लेंगे चुस्कियां लेकर । आपकी लेखनी को और आपको शत शत नमन ।

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  10. लीक से हटकर, एक अनूठी सी, सुस्वादिष्ट चाय👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌👌

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  11. अद्भुत अलौकिक चाय का आनंद लिया आज आपकी इस लेखनी द्वारा👌👌

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  12. वाह अद्भुत सृजन गुरुदेव 🙏

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  13. गुरुदेव द्वारा बहुत सुन्दर सृजन 👌👌🙏🙏

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