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Sunday, May 23, 2021

खण्ड काव्य कैसे लिखें ? संजय कौशिक 'विज्ञात'



खण्ड काव्य कैसे लिखें ? 
संजय कौशिक 'विज्ञात'

खण्ड काव्य लिखना कोई सरल कार्य नही साधारण कवि इसकी कल्पना भी नही कर सकते। यह एक साहित्यकार का तप है जो गहन अध्ययन, एकाग्रता और लेखन के प्रति समर्पण माँगता है। परंतु इस कठिन साधना का फल इतना हर्षदयक होता है जिसकी कल्पना उस साधक के अतिरिक्त कोई नही कर सकता। उसके लेखन कौशल को परिभाषित करता खंड काव्य उसे पूर्णता का आभास कराता है। परंतु बिना मार्गदर्शन ऐसी साधना रचनाकार को भ्रमित कर सकती है और एक चूक उसके पूर्ण परिश्रम पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर सकती है इसी लिए किसी भी कार्य के प्रारंभ से पूर्व उसके विषय में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर लेना अति आवश्यक है। तो चलिए जानते हैं खण्ड काव्य लेखन करते समय किन महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि एक आकर्षक खण्ड काव्य की निर्मिति कर सकें।

आज-कल कवि परिवार में किसी न किसी द्वारा कोई न कोई पुस्तक प्रकाशित करवाना प्रचलन में हो गया है ऐसे में कुछ कवि खण्ड काव्य लिखना भी चाहते हैं इसका लेखन आकर्षित करता है पर कैसे लिखें ? इसका संतोष जनक उत्तर न हो पाने के कारण वे इस आकर्षण से अपनी लेखनी को सदैव वंचित पाते हैं 
ऐसे में आप सभी को यह पोस्ट पूर्णतया लाभान्वित कर देने वाली होगी ऐसा मेरा विश्वास है ....

खण्ड काव्य कैसे लिखें ? 
छंद निर्धारण :- 
खंड काव्य में एक आधार छंद और लय विश्राम छंद के मनमोहक संयोग से आकर्षण युक्त लय में साधते हुए लिक्खा जाता है (चाहें तो एक छंद भी रख सकते हैं) 
रस निर्धारण :- 
खण्ड काव्य में एक रस की प्रधानता होती है शेष अन्य रस भी उसके अंग अवश्य होने चाहिए।आलंकारों के प्रयोग से भाषाई सुंदरता मन को मोहित कर देने वाली होनी चाहिए।
चरित्र निर्धारण :- 
खण्ड काव्य में एक चरित्र को पकड़ कर उसके जीवन चक्र के महत्वपूर्ण प्रसंग को बढ़ाते हुए अपनी सशक्त कल्पना शक्ति के वर्चस्व को दर्शाना होता है। जिससे आपका पात्र निखर कर नायक के रूप में आ सके। 
भाषा तथा भाषा शैली निर्धारण :- 
इसकी भाषा हिन्दी है या अन्य प्रादेशिक है एक ही रखें (खिचड़ी प्रयोग से बचें) शैली क्लिष्ट या सरलता पर इतना ही कहा जा सकता है कि भावाभिव्यक्ति सुंदर और आकर्षक तथा साधारण जनमानस को समझ आ सके इतनी सुंदर होनी चाहिए । 
सर्ग निर्धारण :- 
इसमें सर्ग निर्धारण होना भी आवश्यक है बिना सर्ग निर्धारण के घटनाक्रम की खिचड़ी बन सकती है। इसमें 5 से 8 सर्ग होते हैं अंतिम सर्ग आधुनिकरण के साथ होना चाहिए।
जीवन के खण्ड का निर्धारण :- 
खण्ड काव्य नाम से ही स्पष्ट हो जाता है कि पात्र जो लिया गया है उसका पूर्ण जीवन चक्र न होकर खण्ड होना चाहिए। उस खण्ड के कल्पना यथार्थ के संयोग से अंत में आधुनिकीकरण के साथ समाप्त हो तो प्रशंसनीय रहेगा। जबकि आधुनिकता ने पूर्ण जीवन को भी स्वीकारा है इससे इनकार नहीं किया जा सकता 
प्रवाह तथा अभिव्यक्ति :- 
एकात्मक अन्विति के साथ खण्ड खण्ड काव्य में विस्तार की स्वतंत्रता नहीं होती जबकि विशेष ध्यान रखने की बात यह है कि प्रारम्भ मध्य और अंत पूर्ण सशक्त तर्क संगत अभिव्यक्ति के साथ होना चाहिए। 
खंड काव्य का विषय :- 
आदर्श चरित्र, प्रताड़ित चरित्र, जीवन की घटना, प्रेरक प्रसंग या जीवन- दर्शन से संबंधित हो सकता है। और ध्यान रहे देश काल की व्यर्थ योजना से बचकर पात्रों की वेश भूषा आदि तथा उनके हाव भाव सहित कथा प्रसंग के माध्यम से वातावरण को स्पष्ट करें ... पात्रों की संख्या विस्तृत नहीं होनी चाहिए।
 शुभकामनाएं :-
खण्ड काव्य अथाह सागर की भाँति है जिसे कवि गागर में भरने का प्रयास करता है। इस गहन विषय को सरल शब्दों में आपको समझाने का प्रयास किया है। इस कार्य में कितनी सफलता प्राप्त हुई यह तो आप ही बता सकते हैं परंतु यदि आप तनिक भी लाभान्वित होते हैं तो मैं इसे अपने लेखन की सफलता मानूँगा। तो चलिए आप भी कमर कस लें इस साहित्यिक हवन कुण्ड में एक आहुति आपके कलम की ओर से भी हो....प्रारम्भ करेंगे तभी तो पूर्णता को प्राप्त करेंगे। हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं 💐💐💐

संजय कौशिक 'विज्ञात'

26 comments:

  1. बहुत सुन्दर तरीके से समझाया आपने गुरूदेव । खण्डकाव्य लिखने वालों को अवश्य लाभ मिलेगा ।

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  2. बहुत ही सुन्दर एवं उपयोगी जानकारी जहै गुरुदेव जी प्रणाम 🙏🙏

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  3. काव्य खण्ड लिखना किसी भी कलमकार के लिए उस स्वप्न समान है जो उसके लेखन की सार्थकता को प्रमाणित कर उसके उद्देश्य पूर्ति के पूर्णता का बोध कराता है। बहुत ही कठिन विषय को बहुत ही सरल तरीके से समझाया है गुरुदेव....हार्दिक आभार 🙏
    आपके ज्ञान कलश से टपकने वाली हर बून्द हम नवांकुरों के लिए अमृत तुल्य है 🙏 सादर चरण वंदन 🙏

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  4. काव्य खंड लिखना कोई आसान काम नहीं कि हर कोई लिख ले , गहन साधना , साहित्य की पकड़ के बिना असंभव है , गुरुदेव का प्रयास बहुत मुश्किल को सरल बनाने का कार्य किये है काव्य खण्ड को बहुत ही अच्छे ढंग से समझायें है सादर चरण बंदन गुरुदेव 🙏🙏 🌹

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  5. बहुत ही सुंदर और ज्ञानवर्धक जानकारी आदरणीय श्री नवोदितों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा

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  6. बेहद ज्ञानवर्धक जानकारी दी आपने आदरणीय 🙏

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  7. बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी गुरु वर।आपके भगीरथी प्रयास से ही छंद ज्ञान गंगा का कलकल निनाद समूह मे झंकृत है।लेखन के इस प्रयास का सदभाव हमारा संबल है ।

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  8. बहुत ही महत्वपूर्ण जानकारी आदरणीय🙏🏻🙏🏻

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  9. खण्ड काव्य लेखन को अग्रसर हर कवि के लिए महत्ती उपयोगी पोस्ट 👌🌹
    हाँ ये सच है कवि जब छंदों पर निर्बाध कलम चलाने लगता है तो कहीं गहरे से ये भाव उठते हैं कि वो कुछ ऐसा सृजन करे जो काव्य जगत में अमिट रहे।
    और इसके लिए वो खण्ड काव्य लेखन को अपना आधार बना सकता है ।
    आपने सही कहा कि बिना उचित मार्गदर्शन काव्यकार परिश्रम करके भी मधुर फल नहीं पाता या राह भटका जाता है।
    आपके इस लेख से सभी उन कलमकारों को जो खण्ड काव्य संग्रह लिखना चाहते हैं, विशेष सहायता मिलेगी ।
    एक विषय वस्तु एक मुख्य चरित्र और उस कथानक की पुरी जानकारी होना नितांत आवश्यक है ।अपने विषय पर सतत् अध्ययन ,शोध ,और अपनी लेखन की विशिष्ट क्षमता को अलंकारों से सुशोभित कर, कल्पना शक्ति के बिना पर एक प्रबुद्ध कवि धैर्य के साथ अपना खण्ड काव्य लिख सकता है।
    खण्ड काव्य में भाषा के साथ भावों का सुंदर समागम होना अति आवश्यक है, भाव हीन काव्य कितना भी अलंकारों से लदा हो आभूषण की दुकान जैसा लगेगा।
    बहुत सार्थक सारगर्भित पोस्ट।🙏🏼🙏🏼

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  10. एक सर्ग में कम से कम कितने छंद होने चाहिये! हो सके तो इस पर भी प्रकाश डालिये सर !
    बहुत ही उपयोगी जानकारी है सर हृदय तल की गहराइयों से आभार आपका🌷🙏🌷
    अनीता सिंह "अनित्या"

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  11. गुरु के बिना ज्ञान अधूरा। मार्गदर्शक यदि आप जैसे हो तो ज्ञान को भी प्रेरणा मिलती है गति नियमित रखने की। बहुत ही अमूल्य उपहार हम अनुकरण करने वालों के लिए 🙏🏻🙏🏻🙏🏻

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  12. बहुत ही बेहतरीन मार्गदर्शन गुरुदेव ।
    प्रणाम।

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  13. बेहतरीन जानकारी आदरणीय 🙏 सादर

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  14. खंडकाव्य लिखना एक कवि की कल्पना शक्ति,लेखन सामर्थ्य तथा योजनाबद्ध तरीके से सर्ग विभाजन से ही संपन्न हो सकता है । गुरु देव आपने बहुत सरल तरीके से इसे लिखने की विधि बताई। हम सभी के लिए यह लेख एक मार्गदर्शन था कार्य करेगा आपको हार्दिक शुभकामनाएँ और आभार।

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  15. खण्ड काव्य में एक चरित्र को पकड़ कर उसके जीवन चक्र के महत्वपूर्ण प्रसंग को बढ़ाते हुए अपनी सशक्त कल्पना शक्ति के वर्चस्व को दर्शाना होता है। जिससे आपका पात्र निखर कर नायक के रूप में आ सके।
    बहुत ही सुन्दर और सरल शब्दों में आ.गुरुदेव जी समझाये है। नमन है गुरुदेव जी आप को और आप की लेखनी को।

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  16. बहुत ही ज्ञान वर्धक जानकारी मिली है आदरणीय आपसे ...निश्चय ही हमारी लेखनी को बल प्रदान करेगा।

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  17. बहुत सुंदर जानकारी। नमन गुरूदेव।

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  18. आ0 गुरुदेव सादर अभिवादन
    ज्ञानवर्धक जानकारी
    बिना आपके मार्गदर्शन के संभव नही है

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  19. सादर चरण स्पर्श प्रणाम आदरणीय श्री बहुत आभार आपका मार्गदर्शन और आशीर्वाद मिलता रहे ।हम सभी के लिये बहुत महत्वपूर्ण जानकारी है इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद सिद्धेश्वरी सराफ शीलू जबलपुर

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  20. मान्यवर, यह मेरे लिए बहुत ही आवश्यकता की सामाग्री है। मुझे इस कला को सीखने की बहुत लालसा है। अगर इस लेख में एक उदाहरण स्वरूप कोई ऐसी ही रचना होती तो मुझ जैसे अज्ञानी को कुछ और सहायता मिल जाती। फिर भी मैं इस लेख का अनुसरण करके इस पर काम अवश्य करूंगा।
    आपका बहुत-बहुत अभिनन्दन एवं धन्यवाद।

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  21. उपयोगी व प्रेरक प्रस्तुति

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  22. वीणा कुमारी
    गुरूदेव को प्रणाम 🙏
    खण्ड काव्य के बारे में प्रेरक जानकारी

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  23. बहुत खूब आदरणीय,सादर नमन आपको🙏🙏🙏

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  24. खंडकाव्य विषय पर बहुत ही सूक्ष्मता के साथ महत्वपूर्ण जानकारी दी गई । पाठकगण व नवोदित साहित्यकार निश्चित रूप से इस आलेख से लाभान्वित होंगे ।

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