वैवाहिक वर्षगाँठ
बधाई गीत (माता पिता को समर्पित)
स्वर्ण जयंती
संजय कौशिक 'विज्ञात'
मापनी ~ 16/16
स्वर्णिम क्षण की संदूकों से
स्वर्ण जयंती बाहर आई
मात-पिता के हर्षित मुख पर
पावन बासंती सी छाई।।
स्मृति पटल हुआ कुंदन चमके
मुग्ध मंत्र बिन ये घर सारा
जयमाला फेरे मुस्काये
उन वचनों का खोल पिटारा
हर्ष हृदय के खुलकर खिलते
कुनबा दे यूँ श्रेष्ठ बधाई।।
पावन ज्योति अखंड बनी माँ
जिनसे महका घर का मंदिर
भरा तेल से दीप पिता जी
यूँ चमका कुल का संवत्सर
नेह प्रेम की लौ अद्भुत से
मिटी सदा इस घर की खाई।।
बाँट दिया घर बेटों में सब
बेटी को भी ससुराल दिया
निज श्रम की अंतिम बूंदों से
सींच नेह सब खुशहाल किया
अपनी पीर कभी अधरों तक
दोनों ने ही नही दिखाई।।
संजय कौशिक 'विज्ञात'
सादर नमन 🙏
ReplyDeleteबहुत ही खूबसूरत गीत 👌👌👌
हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐💐💐💐💐
आत्मीय आभार विदुषी जी
Deleteबहुत सुंदर।बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteजब ते राम ब्याह घर आये।
नित नव मंगल मोद बधाये।।
आ. आत्मीय आभार
Deleteपरिवार का सारा चित्रण उभरकर साक्षात स्मृति पटल के सामने आ गया
ReplyDeleteआ.आत्मीय आभार
Deleteवाह शानदार गीत सृजन आदरणीय श्री 👌👏💐👏👏🙏
ReplyDeleteआ. आत्मीय आभार
Deleteअनंत शुभकामनाएं
ReplyDeleteनमन
सुंदर सृजन
आत्मीय आभार कोविद साहेब जी
Deleteगुरु देव की हर रचना में नव्यता होती है।
ReplyDeleteनमन गुरु देव 🙏
ये आपका सकारात्मक दृष्टिकोण ही ऊर्जा और नव्यता का केंद्र है
Deleteपुनः आत्मीय आभार कोविद साहेब जी
अप्रतिम माता पिता के लिए इससे सुंदर उपहार हो ही नहीं सकता। वंदन आपको
ReplyDeleteआत्मीय आभार कंचन जी
Delete🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ReplyDeleteअनुपम गीत! हार्दिक बधाई सर🌷🙏🌷
ReplyDeleteअनीता सिंह"अनित्या"
हार्दिक आभार अनित्या जी
Deleteबेहद खूबसूरत नवगीत आदरणीय 👌👌👌👌
ReplyDeleteआत्मीय आभार अनुराधा जी
Deleteचरण स्पर्श करती हूँ आदरणीय माता पिता जी को । हमेशा स्वस्थ और प्रसन्न रहें ।
ReplyDeleteउन्हे मेरा प्रणाम कहिएगा । बहुत सुन्दर नवगीत सृजन । जब हम अपनी रचना में माता पिता को शामिल करते हैं तो रचना तो वैसे ही खूबसूरत हो जाती है ।
बिल्कुल पूज्य मातापिता श्री के आशीर्वाद के बिना पशुत्व से मुक्ति किसे मिली है सुंदर भावों के लिए आत्मीय आभार
Deleteपुज्य युगल के चरणों में शत-शत वंदन।
ReplyDeleteवैवाहिक स्वर्ण जयंती पर अंतर हृदय से कोटि-कोटि शुभकामनाएं।
भाव भीना गीत मधुर स्मृतियों को ताजा करता।
माता पिता को अर्पित सुंदर भाव मोती ।
अभिराम अपूर्व।
आपकी प्रतिक्रिया भाव विभोर कर देती है
ReplyDeleteएक एक शब्द को इतना ध्यान और मान देती हैं आप कि अग्रिम प्रयास के लिए लेखनी को पर्याप्त ऊर्जा आपकी प्रतिक्रिया देने के लिए पर्याप्त होती है
आत्मीय आभार आपका
बहुत सुंदर गीत बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteआत्मीय आभार प्रांजलि जी
Deleteबहुत-बहुत बधाई बहुत सुंदर गीत
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनाएं बहुत सुन्दर गीत है।
ReplyDeleteहार्दिक आभार उर्मिला जी
Deleteसुंदर प्रसाद युक्त रचना गुरुदेव की
ReplyDeleteआत्मीय आभार मधुकर वनमाली जी
Deleteखूबसूरत , हार्दिक शुभकामनाएं, बधाई
ReplyDeleteआत्मीय आभार अजित कुम्भकार जी
Deleteवैवाहिक स्वर्ण जयंती की परम पूजनीय युगल को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं🌺🌺🌺सादर नमन...भावपुष्पों से सुसज्जित बेहतरीन नवगीत आदरणीय...।इससे सुंदर उपहार ..शायद ही कोई हो..अपना पूरा जीवन जो अपने बच्चों को समर्पित कर दें..उनके लिए प्यार और सम्मान के अतिरिक्त और कोई मनोभाव हो भी नहींसकते ।सादर नमन
ReplyDeleteप्रतिक्रिया में सुंदर शब्दों के माध्यम से आप द्वारा प्रदत्त भावों का गुलदस्ता प्रशंसनीय है आत्मीय आभार आपका सुगंध जी
ReplyDeleteमां पिताजी को मेरा प्रणाम 🙏
ReplyDeleteशादी की सालगिरह पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं 💐💐💐💐
नवगीत बहुत ही बढ़िया है जिसमें आपने यर्थाथ का सजीव चित्रण किया है गुरूदेव
नवगीत में आत्मीयता की खुशबू आ रही है ।
आदरणीय आत्मीय आभार आपका
Deleteअतिसुन्दर
ReplyDeleteआत्मीय आभार आपका यशस्वी जी
Deleteसादर नमन गुरुदेव 🙏
ReplyDeleteचन्द्र चकोरी सी यह जोड़ी,गंगा की पावन धारा
परछाई से मीठा कर दे,सागर का भी जल खारा
आशीष इच्छुक हैं हम सारे, करते हैं हिय से वंदन
पर्व मनाएं आज खुशी का,झूम उठे यह जग सारा
हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं ....आपका स्नेहाशीष यूँ ही मिलता रहे 🙏 बहुत ही सुंदर रचना 💐💐💐💐💐
आकर्षक भावमयी मुक्तक पर्व हर्ष का महापर्व में परिवर्तित हो जाता है जब सभ साथी अपने अपने ढंग से आनंद को बढ़ाते हुए हर्ष मनाते हैं । बहुत ही सुंदर प्रतिक्रिया आत्मीय आभार आपका विदुषी जी
Deleteआ. दादा जी दादी माँ जी
ReplyDeleteचरण छू कर प्रणाम करती हूँ
शादी की सालगिरह की बहुत बहुत बधाई आप दोनों को
निज श्रम की अंतिम बूंदों से
सींच नेह सब खुशहाल किया
अपनी पीर कभी अधरों तक
दोनों ने ही नही दिखाई।।
वाह वाह वाह
अति उत्तम सृजन आ.गुरुदेव जी।
सुवासिता जी आत्मीय आभार बिटिया जी
Deleteअति सुन्दर भावपूर्ण सृजन आपका आद. भैया जी गुरुदेव जु
ReplyDeleteमाँ बाबू जी को सादर नमन उनका वरदहस्त हम सभी के शीश पर सदा रहे। वैवाहिक वर्षगाँठ की अनंत बधाइयां आपको।
आत्मीय आभार आपका मनशा शुक्ला जी
DeleteThe most beautifull lines
ReplyDeleteबहुत सुंदर गीत।
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