रुद्राक्ष
संजय कौशिक 'विज्ञात'
ग्रीवा में बत्तीस हों, गिन मनके रुद्राक्ष।
हरता रक्त विकार ये, रोग रहित ताम्राक्ष।।
मनके सत्ताईस गिन, कंठ पहन रुद्राक्ष।
हरता देह विकार यूँ, गूँजे ज्यूँ ताम्राक्ष।।
लौह तत्व रुद्राक्ष में, जाए जल में डूब।
लकड़ी तिरती है सदा, भले देखलो दूब।।
मंत्र जाप रुद्राक्ष से, देता सिद्धि अनेक।
करते जो गुरुमंत्र जप, रखे सभी की टेक।।
सच्चा है रुद्राक्ष वो, नैसर्गिक हों छिद्र।
धारण करने मात्र से, मिटता योग दरिद्र।।
माला हो या गोमुखी, शुद्ध सदा रुद्राक्ष।
धरणी पर मत गेरना, दिखे न पग चित्राक्ष।।
जपमाला रख गोमुखी, कंठ कभी मत धार।
शिव का ये वरदान है, कर हिय से सत्कार।।
शिव के आँसूं से बना, पावन फल रुद्राक्ष।
निराकार आकार ले, स्वयं दे रहे साक्ष।।
रोग मिटें रुद्राक्ष से, मृत्युञ्जय का मंत्र।
शुक्राचार्य महर्षि का, प्रतिपादित ये तंत्र।।
मन में नित शुभता भरे, सिद्ध बनें संकल्प।
पहनें जो रुद्राक्ष को, बने न चिंता अल्प।।
संजय कौशिक 'विज्ञात'
नमन गुरुदेव 🙏
ReplyDeleteबहुत ही आकर्षक दोहे 👌👌👌👌
रुद्राक्ष की महिमा का अनुपम वर्णन 💐💐💐
बहुत शानदार रचना । गुरुदेव को सादर नमन ।
ReplyDeleteउत्कृष्ट सृजन गुरुदेब
ReplyDeleteउत्कृष्ट अद्भुत सृजन। नमन गुरुदेव रुद्राक्ष की महिमा👌👌✍️✍️🙇🙇🎉💐🙏🙏
ReplyDeleteबहुत सुंदर उत्कृष्ट अनुपम दोहे गुरुदेव प्रणाम 👌👌👌👌🙏🙏🙏🙏
Deleteउत्तम सृजन सार्थक दोहे।👌👌
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर, अनुपम, शानदार दोहे
ReplyDeleteनमन गुरु देव 🙏💐
जय हो गुरुदेव
ReplyDeleteअतिसुंदर, बहुत बहुत बधाईयाँ गुरूदेव 🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteबेहतरीन दोहे आदरणीय 👌👌👌
ReplyDeleteसुंदर अनुपम दोहे 👌👌👌🙏🌷
ReplyDeleteवाहहह बहुत खूब लिखा है आपने गुरुदेव 🙏🙏🙏🙏
ReplyDeleteअनुकरणीय उत्कृष्ट सृजन
ReplyDeleteनमन गुरुदेव 🙇🏼♀️
वाह, गुरुदेव नमन🙏 आपको
ReplyDeleteरुद्राक्ष के अनुपम दोहों के लिए 💐💐🙏👌
रुद्राक्ष से संबंधित अद्भुत जानकारी प्रदान करते, उत्कृष्ट दोहे👏👏👏👏👏👏👏
ReplyDeleteअरे वाह! रुद्राक्ष पर भी रचना 👌👌👌समस्त गुणों को एक माला की तरह पिरो दिया रचना में।बधाई स्वीकारें विज्ञात जी 🙏🙏
ReplyDeleteजी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल गुरुवार (२५-०८ -२०२२ ) को 'भूख'(चर्चा अंक -४५३२) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
रूद्राक्ष पर बहुत ही लाजवाब द़ोहे
ReplyDeleteवाह!!!