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Friday, August 13, 2021

गीत : स्वर्ण पदक विजेता सूबेदार नीरज चोपड़ा : संजय कौशिक 'विज्ञात'



गीत 
स्वर्ण पदक विजेता
सूबेदार नीरज चोपड़ा
संजय कौशिक 'विज्ञात'

मापनी 16/14

गौरव गान सुना कवियों का
हर्ष घणा सा हिय छाया
एक लपेट तिरंगा तन पर 
नीरज जब भारत आया।।

सोना ये कुंदन सेना का
भाला खेल दिखाया है
और विजेता बन सोने का
हीरा नाम कमाया है
राजपुताना का इस जग में
डंका है खूब बजाया।।

केंद्र बना उत्तम उपमा का
पानीपत का शेर कहा
अँधियारे की छाती छेदे 
निकला सूर्य सबेर कहा
हरियाणे की माटी महके 
ऊँचा झण्डा फहराया।।

खेल शिरोमणि तमगा पहने
मुख मण्डल आभा चमके
पंजाबी कुल वीर बहादुर
तम में विद्युत से दमके
रिक्त पड़ा आँचल बिन सोना
भारत माँ को पहनाया।।

©संजय कौशिक 'विज्ञात'

12 comments:

  1. भारत का गौरवशाली क्षण को आपने नवगीत में पिरो दिया है । शानदार सृजन की बधाई आपको गुरुदेव ।

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  2. बहुत सुदंर नवगीत भारत का गौरवशाली क्षण,🙏🙏🙏नमन आपको बहुत बहुत बधाई🙏🙏🙏👌👌👌

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  3. पूरे भारत देश के लिए यह एक गौरव भरा क्षण है जिसे आपने शानदार शब्दों में पिरोया है। हरियाणा की मिट्टी ऐसे सपूतों के कारण गौरवान्वित होती रहे। आपकी लेखनी को नमन गुरुदेव 🙏 आपने हमारे मन के भाव पृष्ठ पर उकेर दिए 🙏

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  4. भारत के गौरवशाली पलों का प्रभावशाली चित्रण। बेहतरीन रचना आदरणीय 👌👌👌👌👌

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  5. हरियाणे की माटी महके
    ऊँचा झण्डा फहराया।।
    वाह वाह ही सुन्दर सृजन सत्य कथन आ. गुरुदेव जी नमन आप को और आप की लेखनी को
    और नमन आ. नीरज जी को

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  6. बहुत सुंदर !!
    श्रेष्ठता पर श्रेष्ठ उपादान ।
    अप्रतिम लेखन ।

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  7. हृदयस्पर्शी सृजन🇮🇳🇮🇳🙏🙏

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  8. वाह!क्या बात है ,खूबसूरत सृजन ।

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  9. बहुत सुंदर कविता गूरुदेव की लेखनी तो धन्य है,

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