Tuesday, January 25, 2022

गीत : अपना ये गणतंत्र पुकारे : संजय कौशिक 'विज्ञात'



गीत 
अपना ये गणतंत्र पुकारे
संजय कौशिक 'विज्ञात'

मापनी 16/14 

अपना ये गणतंत्र पुकारे
राष्ट्र सुरक्षित रखना है
नित्य खिले केसर क्यारी सा
सुगठित पुलकित रखना है।।

माली अपने मुखिया अपने
सेवक बन प्रण लेते हैं
निर्भय रखते जन-मन को जो
निर्भयता नित देते हैं 
पुष्प लदे ये प्रान्त सरीखे
बाग सुगंधित रखना है।।

बाँट चुके पंद्रह टुकड़े से
टुकड़े करना बंद करो
रोग मिटा कर अब मजहब का
शांत स्वभावी भाव भरो 
नेह बने बूटी संजीवन
इसको चर्चित रखना है।।

सोचो ये गणतंत्र सफल हो 
एक अमिट लिख दे गाथा
विश्व हुआ नतमस्तक टेके 
इसके चरणों में माथा 
श्रेष्ठ बना सब देखें भारत 
जग को विस्मित रखना है।।

©संजय कौशिक 'विज्ञात'

15 comments:

  1. सादर नमन गुरुदेव 🙏
    बहुत ही शानदार लेखन 👌👌👌
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐💐💐

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  2. बहुत सुंदर रचना आदरणीय।
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं 💐

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  3. उत्तम रचना आ. जय हिंद 🙏

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  4. बहुत सुंदर रचना I जय हिंद ��

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  5. देशभक्ति से परिपूर्ण!
    सार्थक शुभ्र भाव संजोए सुंदर गीत।
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं आदरणीय।

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  6. बहुत ही शानदार गुरुदेव देश भक्ति रचना
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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  7. देशभक्ति से ओत प्रोत सृजन गुरुदेव

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  8. बहुत सुंदर रचना
    गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

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  9. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 27 जनवरी 2022 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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  10. अतिउत्तम भावपूर्ण देशभक्ति गीत

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  11. स्वस्थ सुंदर भावोंवाली सार्थक कविता। जय हिन्द। जय गणतंत्र।

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  12. राष्ट्रभक्ति के साथ वास्तविक गणतांत्रिक संदेश
    सधुवाद सर

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  13. वाह!बेहतरीन सृजन।

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  14. बहुत ही सुन्दर व प्रेरणादायक रचना
    नमन गुरु देव 🙏💐

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