विज्ञात की कलम
छंदबद्ध लेखन एक कवि के लिए उतना ही आवश्यक है जितना दो तटों के मध्य बहती हुई सरिता के लिए उन दो तटों का होना होता है। मेरा मानना है कि कवि की कल्पना/यथार्थ की कविता जब निश्चित छंद में बंध कर उत्तम गेयता प्राप्त करके पाठक /श्रोता तक पहुँचती है तो वह अपने अलग ही चुम्बकीय आकर्षण से और भी अधिक असर कारक होती है... इस ब्लॉग की सभी रचनाएं स्वरचित एवं मौलिक हैं। © विज्ञात की कलम
Friday, December 23, 2022
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Sunday, August 28, 2022