गीत
अणिमा
संजय कौशिक 'विज्ञात'
प्रचण्ड रूप देख अणिमा का
अणु कोरोना हार चलेगा।।
सुरसा सा मुख रोग खोलता
मानव घर में बैठ टलेगा।।
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अणिमा साधक बहुत पुराने
अणु से छोटे बन जाएंगे
साधक जो बजरंग बली के
यही कला सब अपनाएंगे
भीड़ दूर की बात हवा है
निकट उन्हें नर नहीं खलेगा
ये देख च्यवन ऋषि के वंशज
निर्माण प्राश वो कर देंगे
कोप वृद्धता भी डर भागे
हाल पूछ इससे भी लेंगे
सौ रूप बहुरूपिया बदले
एक नहीं जन आज छलेगा।।
संजय कौशिक विज्ञात
सुन्दर गीत
ReplyDeleteजी नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (27-04-2020) को 'अमलतास-पीले फूलों के गजरे' (चर्चा अंक-3683) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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बहुत सुंदर प्रस्तुति। आशा है कि जल्द ही कोरोना महामारी पर हम विजय प्राप्त करेंगे।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर सृजन आदरणीय सर
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