Sunday, March 8, 2020

नवगीत होलिका दहन संजय कौशिक 'विज्ञात



नवगीत 
होलिका दहन 
संजय कौशिक 'विज्ञात' 

मापनी 14/14 

हारती जब झूठ देखी,
जीत ने झण्डा उठाया।
होलिका जलती रही फिर,
बच निकल प्रह्लाद आया।

मूढ़ता हावी बहुत थी,
द्वेष विष अन्तस् भरा था।
पूर्णिमा की रात काली,
शशि ग्रहण ने यूँ हरा था।
राहु की शैतानियाँ में,
तामसी शासन खरा था।
मोक्ष वो निश्चित हुआ तब, 
चाँद ने यौवन दिखाया।
होलिका जलती रही फिर,
बच निकल प्रह्लाद आया।

2
बाप निष्ठुर मिल बुआ से
रच चिता को जब रहा था। 
बन पिता जल्लाद जैसा, 
यातना दे सब रहा था।
जीव अजगर की पकड़ में, 
फूल ऐसे तब रहा था।
पुत्र खाता श्वान भूखा, 
आज उसको भी लजाया।
होलिका जलती रही फिर,
बच निकल प्रह्लाद आया।

3
पाप घट जब-जब भरा है, 
फूटना तय सब समझते।
आतिताई को मिटाने, 
प्रभु हमारे रूप धरते। 
आज फिर नरसिंह बनकर, 
रवि प्रकट होकर चमकते।
लाख थे खद्योत मिलकर,
सब असर उनका मिटाया।
होलिका जलती रही फिर,
बच निकल प्रह्लाद आया।

4
तोड़कर तटबंध  नदिया, 
बाढ़ बन बर्बाद करती।
आज रिश्तों में चुभन थी, 
जो वहाँ आजाद करती।
फागुनी के मस्त झटके, 
वो लहर अब नाद करती।
ये विजय की दुंदुभी थी, 
शंख भी जिसने बजाया।
होलिका जलती रही फिर 
बच निकल प्रह्लाद आया।

संजय कौशिक 'विज्ञात' 

24 comments:

  1. पाप घट जब-जब भरा है,
    फूटना तय सब समझते।
    आतिताई को मिटाने,
    प्रभु हमारे रूप धरते।
    वाह वाह बहुत खूब बेहतरीन सृजन गुरु देव
    आप की सोच और आपकी लेखनी को नमन

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  2. बहुत खूब।
    --
    रंगों के महापर्व
    होली की बधाई हो।

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  3. एक एक शब्द लाजवाब है👌👌👌👌👌👏👏👏👏👏नमन आपकी लेखनी को आदरणीय सर 🙏🙏🙏🙏🙏

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  4. सुन्दर होलिका दहन पर नवगीत।
    उत्तम शब्द संयोजन
    बधाई, शुभकामनाएँ

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  5. बहुत सुंदर सार्थक काव्य सृजन।
    अनुपम अभिनव।
    जन्म दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं और ढेरों बधाइयां।

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  6. होलिका दहन पर बेहतरीन नवगीत
    बहुत-बहुत बधाई व ढेरों शुभकामनाएं आ.सर जी 🙏🙏

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  7. बहुत ही शानदार रचना 👌👌

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  8. बहुत शानदार रचना आ0
    आपको होली की शुभकामनाएं

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  9. वाह वाह आद.। गज़ब गीत।
    होली की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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  10. "जाको राखे सांइयाँ मार सके न कौय।" भक्त पर भगवान की असीम कृपा का उत्कृष्ट उदाहरण आपकी रचना में परिलक्षित होता है। विज्ञात जी!रचना के लिए अशेष बधाई सह होली की अनन्त शुभकामनाएं।

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  11. बहुत बढ़िया
    साधुवाद

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  12. बहुत ही खूबसूरत रचना

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  13. बहुत ही खूबसूरत आपकी लेखनी बहुत सुन्दर आपकी यह रचना आदरणीय

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  14. सुंदर सृजन, होली की शुभकामनाएं

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  15. बहुत सुन्दर सृजन सर जी। बधाई हो

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