Sunday, November 10, 2024

गीता का विधान ; भक्ति गीत। ; डॉ. संजय कौशिक ’विज्ञात’


🙏 भक्ति गीत 🙏
📕 *गीता का विधान* 📕

मन ही मन में जपता चल तू 
गीता कहे विधान को 
*हृदय बसा हनुमान को।।*

जीवन रथ पर ध्वज हो इनका
कृष्ण सारथी बनता जिनका
रचे वही विज्ञान को।।
*हृदय बसा हनुमान को।।*

अंगराज वो महावीर था
कर्ण नाम का दानवीर था
बढ़ा हाथ ले दान को।।
*हृदय बसा हनुमान को।।*

नेत्र हीनता होती घातक
तड़पे यूँ जन ज्यूँ खग चातक
ज्ञान नहीं अनजान को।।
*हृदय बसा हनुमान को।।*

अर्जुन बन अवसर जो पाते
युद्ध विजेता वे कहलाते
कृष्ण खड़े उत्थान को।।
*हृदय बसा हनुमान को।।*

संजय कौशिक बेरी वाला
राम नाम की रटता माला
समझ चले आख्यान को।।
*हृदय बसा हनुमान को।।*

डॉ. संजय कौशिक 'विज्ञात'