Thursday, June 16, 2022

गीतिका : संजय कौशिक विज्ञात : मापनी ~ 1212 212 122 1212 212 122



गीतिका 
संजय कौशिक 'विज्ञात'
मापनी ~ 1212 212 122 1212 212 122

उधार खाता शुरू हुआ अब प्रबंध हुंडी नई-नई है।
महाजनी ऋण लिखा गया सब निखार मुंडी नई-नई है।।

पड़ाव अद्भुत विराट अनुपम समझ यही आ रहा प्रतिष्ठित।
निवास चौखट विशाल दिखती किवाड़ कुंडी नई-नई है।।

विभक्त हो छोड़ के गया घर रहस्य जीवन नहीं पता कुछ।
उदर अगन कष्ट भूख बिलखे अशांत टुंडी नई-नई है।।

उसे मिलें तो नहीं दिखे कुछ नहीं मिलें तो करे लड़ाई।
डरें सभी जन गली-गली में प्रसिद्ध गुंडी नई-नई है।।

पुकारता मन चला गया यूँ जगा नहीं नेह राग उसका।
ठहर अगर वो कहीं विचारे विरुद्ध मुंडी नई-नई है।।

बदल लिया आज धर्म उसने चला शिवाले उमंग लेकर।
प्रचार होता त्रिपुंड मस्तक विशेष चुंडी नई-नई है।।

विरोध जिसने किया तुम्हारा वही विरोधी तड़प उठे जब।
भड़ास मन में अटक गई वो खुली न घुंडी नई-नई है।।

किसान रोये खड़ा वहाँ पर उपज हुई वो विनष्ट जब से।
नहीं मिला जब सुझाव संजय बिसार सुंडी नई-नई है।।

कठिन शब्दों के अर्थ :- 
हुंडी - महाजन द्वारा गुप्त भाषा में लिखित राशि।
मुंडी - महाजन के बही खातों में लिखी जाने वाली भाषा 'हिंदी मुंडी' जिसे मुंडी भी कहते हैं। 
कुंडी - द्वार बंद करके ताला लटकता है जहाँ वह  यंत्र 
टुंडी - नाभि 'धरण का डिगना' जिससे पेट एकदम खाली हो जाता है अर्थात दस्त लगना 
गुंडी - स्त्री गुंडी जैसे पुरुष गुंडा होता है
मुंडी - चेहरा 
चुंडी - चोटी ( गंजा होने के बाद छोड़ी जाने वाली शिखा) 
घुंडी - मन में दबी हुई रहस्य की बात 
सुंडी - उपज को खराब करने वाला कीड़ा

©संजय कौशिक 'विज्ञात'

12 comments:

  1. नमन गुरुदेव 🙏
    आकर्षक गीतिका 💐💐💐💐
    नूतन तुकांत का प्रयोग कथन को प्रभावी बना रहा है 👌👌👌अनुपम भाव 💐💐💐

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  2. उत्कृष्ट सृजन 🙏🌺

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  3. सुंदर आकर्षक सृजन।
    लय, शिल्प 👌कथन अलग हट कर।
    नया प्रयोग नई विचारधारा।

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  4. वाह, अनुकरणीय प्रयास गुरूदेव
    नमन🙏💐

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  5. वाह अद्भुत सृजन 👌👌👌👌

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  6. अलग भाव लिए अनुपम रचना 👌👌 आ.

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  7. बहुत शानदार और सटीक रचना । कठिन शब्दों के भावार्थर सहित बहुत भाव । सादर नमन आपको ।

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  8. बहुत सुंदर भाव

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  9. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल शनिवार (18-06-2022) को चर्चा मंच     "अमलतास के झूमर"  (चर्चा अंक 4464)     पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'    

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  10. वाह!गज़ब लिखा सर 👌
    सादर

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