Monday, June 21, 2021

सुमुखि सवैया : शिल्प विधान : संजय कौशिक विज्ञात

सुमुखि सवैया  
शिल्प विधान 
संजय कौशिक विज्ञात 


विधान
सुमुखि सवैया सात जगण और लघु-गुरु से निर्मित होता है। इस छंद में 11, 12 वर्णों पर यति रखी जाती है। मदिरा सवैया छंद के आदि में एक लघु वर्ण जोड़ने से इस छंद का शिल्प विधान कहा जाता है।
121 121 121 12, 1 121 121 121 12


उदाहरण 

विरुद्ध हुए जन वे उनके, जिनके बल का जब भेद लगा।
वही तब नाव नहीं बहती, तल में जिसके वह छेद लगा।
जहाँ अपने कुछ घात करें, सच में हिय में तब खेद लगा।
दिखे सब सर्प समान तभी, मन चंदन का तरु मेद लगा।

©संजय कौशिक 'विज्ञात'



उदाहरण

प्रसंग सुनाकर प्रेम करे, वह प्रीतम से मिलके सजनी।
मयंक दिखे जब नाच उठे, तम से कुछ आहत वो रजनी।
विशेषण नूपुर झंकृत यूँ, पहने वह पायल है बजनी।
उदास हुई जब कंठ लगी, दृग ओझल सी बनके तजनी।।

©संजय कौशिक 'विज्ञात'



उदाहरण 

कृशानु जले मन भीतर में, वह ताप दिखे किसको दहता।
वियोग प्रभावित देह जले, बस प्रीतम ही इसको सहता।
कटाव छिड़े जब बादल से, वह मौन हुआ दुख है सहता।
विहंग घिरा उस पिंजर में, फिर कौन सुने किसको कहता।।

©संजय कौशिक 'विज्ञात'



उदाहरण

प्रभाव दिखा कर मुग्ध करे, वह संत वहाँ पर देख खड़ा।
महान बना जब मार पड़ी, सलवार उठा कर दौड़ पड़ा।
विचार किया यमुना दिखती, वह बांध तिरा निज पेट घड़ा। 
समस्त प्रजा यह देख हँसे, कितना मन भावन संत बड़ा।।

©संजय कौशिक 'विज्ञात'


उदाहरण 

अमर्ष नियंत्रण खो कर यूँ, प्रतिघात बढ़े जब कष्ट मिले।
विरुद्ध हुआ वह कार्य करे, फिर आप कहो कब एक खिले।
विचार बने कब नेक कहाँ, जिनसे गिरते नित श्रेष्ठ किले।
तिरंग हुआ यह क्रोधित सा, जिसके हिय अंतस नित्य छिले।।

©संजय कौशिक 'विज्ञात'


उदाहरण 

दहाड़ उठा जब वीर वहाँ, तब शेर हुआ रण धीर वही।
तिरंग लिए वह नित्य बढ़ा, यह गौरवता नित ठीक कही।
हिमालय भी द्रव सा बहता, बस शौर्य दिखे यह एक सही।
विराट यही बनता खिलता, दिखता हर सैनिक खोल बही।।

©संजय कौशिक 'विज्ञात'

9 comments:

  1. अति उत्तम आ0 गुरुदेव

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  2. अति उत्कृष्ट भाव शिल्प से सजी अलंकृत कृति... सभी एक से बढ़कर एक... 💖💖🙏

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  3. बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी गुरुदेव 👌
    सुंदर उदाहरण 💐💐💐

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  4. अति सुंदर और सार्थक जानकारी दी आपने संजय कौशिक विज्ञात साहब। आप छंदों के जनक हैं और नए-नए छंदों का आविष्कार ,आपका साहित्य जगत को और छंद सीखने वालों के लिए बहुत बड़ा अवदान है। आपकी प्रतिभा को मैं सेल्यूट करता हूं।👍👍👍🙏🙏🙏

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  5. अति उत्तम सृजन हेतुकोटिशः बधाई गुरु देव ।

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  6. 🙏🏻 अनुपम सृजन
    अनंत बधाई व शुभकामनाएं आ.गुरुदेव🙏🏻🙏🏻

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  7. अद्भुत सृजन गुरुदेव 🙏🙏🙏

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  8. उत्कृष्ट सृजन। बहुत उपयोगी ही नहीं अपितु हर साहित्यकार के लिए आवश्यक जानकारी।हार्दिक शुभकामनाएँ सादर अभिनंदन🌹🌹

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  9. उत्कृष्ट सृजन गुरुदेव

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