Sunday, June 20, 2021

किरीट सवैया : शिल्प विधान : संजय कौशिक 'विज्ञात'

किरीट सवैया 
शिल्प विधान 
संजय कौशिक 'विज्ञात'

किरीट सवैया नामक छंद आठ भगणों से बनता है। तुलसी, केशव, देव और दास ने इस छन्द का प्रयोग किया है। इसमें 12, 12 वर्णों पर यती होती है।
211 211 211 211, 211 211 211 211

उदाहरण - 1


खेल रहा यह काल यहाँ पर, कष्ट कठोर अनंत दिखाकर। 
औषधि पावन एक बनाकर, विश्व प्रभावित देश कराकर।
भारत की फिर नाक बची अब, विश्व कहे गुरु हर्ष जताकर।
और वहाँ उपलब्धि गिनाकर, सूक्ष्म विराट विषाणु मिटाकर।।

संजय कौशिक 'विज्ञात'


उदाहरण - 2


जीवन कोजल धार कहें सब, काम करो कुछ तो मन भावन।
देख अपुष्पक पादप ये अब, जो ठहरे कह हो वह पावन॥ 
सीख मिले कुछ उत्तम ही जब, और निरंतर हो बस सावन।
आज बना चल चित्र मनोहर, लोग कहें बस देख सुहावन॥

संजय कौशिक 'विज्ञात'

5 comments:

  1. सुंदर जानकारी और उदाहरण गुरुदेव 🙏

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  2. आ. गुरुदेव जी ,
    उत्तम जानकारी के साथ उदाहरण दिये है

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  3. आ. गुरुदेव जी नमन
    उत्तम जानकारी के साथ उदाहरण दिये है आपने

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  4. आदरणीय गुरुदेव जी को प्रणाम 🙏 उतम जानकारी और उदाहरण

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