किरीट सवैया
शिल्प विधान
संजय कौशिक 'विज्ञात'
किरीट सवैया नामक छंद आठ भगणों से बनता है। तुलसी, केशव, देव और दास ने इस छन्द का प्रयोग किया है। इसमें 12, 12 वर्णों पर यती होती है।
211 211 211 211, 211 211 211 211
उदाहरण - 1
खेल रहा यह काल यहाँ पर, कष्ट कठोर अनंत दिखाकर।
औषधि पावन एक बनाकर, विश्व प्रभावित देश कराकर।
भारत की फिर नाक बची अब, विश्व कहे गुरु हर्ष जताकर।
और वहाँ उपलब्धि गिनाकर, सूक्ष्म विराट विषाणु मिटाकर।।
संजय कौशिक 'विज्ञात'
उदाहरण - 2
जीवन कोजल धार कहें सब, काम करो कुछ तो मन भावन।
देख अपुष्पक पादप ये अब, जो ठहरे कह हो वह पावन॥
सीख मिले कुछ उत्तम ही जब, और निरंतर हो बस सावन।
आज बना चल चित्र मनोहर, लोग कहें बस देख सुहावन॥
संजय कौशिक 'विज्ञात'
सुंदर जानकारी और उदाहरण गुरुदेव 🙏
ReplyDeleteबहुत सुन्दर जानकारी ।
ReplyDeleteआ. गुरुदेव जी ,
ReplyDeleteउत्तम जानकारी के साथ उदाहरण दिये है
आ. गुरुदेव जी नमन
ReplyDeleteउत्तम जानकारी के साथ उदाहरण दिये है आपने
आदरणीय गुरुदेव जी को प्रणाम 🙏 उतम जानकारी और उदाहरण
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