Wednesday, June 2, 2021

नवगीत : ईष्म की ज्वाला धधकती : संजय कौशिक 'विज्ञात'



नवगीत 
ईष्म की ज्वाला धधकती
संजय कौशिक 'विज्ञात'

मापनी ~ 14/12 

ईष्म की ज्वाला धधकती
त्राण रखना चाहिए
यूँ भ्रमर की दृष्टि पर भी
बाण रखना चाहिए।।

क्यों कली आहत हुई सी
फूट कर रोती दिखे
ढेड जो दो कौड़ियों के
भाग्य में यूँ दुख लिखे
कुछ कली की पंखुड़ी को
ठाण रखना चाहिए।।

यूँ जलेबी सी सरल हो
गर्म हो कुछ तार की
चाशनी में हो इमरती
शोध के आकार की
फूँक दे जो झंझटों को
घाण रखना चाहिए।।

ये लता महकी लरजती
पुष्प के ही भार से
और आकर्षक लुभावन
हिय मनोहर धार से 
दें चुभो कुछ शूल ऐसे
ताण रखना चाहिए।।

शब्दार्थ :- 
ईष्म - कामदेव, त्राण - बचाव, ठाण - ठान, घाण - एक बार कडाही से पकाने के उद्देश्य से डाली गई सामग्री, ताण - साहस, ढेड - एक गाली

संजय कौशिक 'विज्ञात'

25 comments:


  1. उत्कृष्ट आ0 गुरुदेव
    नए बिम्ब और शब्द संयोजन
    नए शब्द की जानकारी हुई
    हार्दिक आभार

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  2. बहुत ही सुन्दर बिंब बोल रहे हैं नवगीत में । सार्थक रचना कुछ संदेश के साथ । प्रणाम आपको आदरणीय गुरूदेव जी ।

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  3. अति आकर्षक शब्द संयोजन भाव की गहराई को महसूस करा रहे हैं अद्भुत कृति प्रणाम गुरुदेव

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  4. वाह वाह शानदार 👌
    नमन गुरु देव 🙏💐

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  5. सादर प्रणाम! नमन आपको!!

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  6. उत्कृष्ट सृजन आदरणीय🙏🙏सादर नमन

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  7. गुरुजी को सादर प्रणाम🙏🙏
    बहुत सुंदर , उत्कृष्ट नवगीत लेखन 👌👌🌺🌺🌹🥀🙏

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  8. सादर नमन आपको बहुत ही सुदंर नवगीत👌👌🙏🙏🙏

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  9. वाह!हृदयस्पर्शी सृजन आदरणीय👏👏💐💐🙏🙏

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  10. शानदार नवगीत गुरुदेव

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  11. वाह गुरुजी बेहतरीन👌👌

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  12. बेतरीन सर जी💐💐

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  13. शानदार नव गीत

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  14. यूँ जलेबी सी सरल हो
    गर्म हो कुछ तार की
    चाशनी में हो इमरती
    शोध के आकार की
    फूँक दे जो झंझटों को
    घाण रखना चाहिए।।

    वाह बहुत सुंदर रचना 💐

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  15. सादर नमन गुरुदेव 🙏
    खूबसूरत संदेश देती सार्थक रचना 👌
    इसे पढ़कर गुनगुनाने का मन होता है 🙏

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  16. नए नए बिंब कहाँ से और कैसे ढूँढ लाते हैं विज्ञातजी यह बात तो वे ही जानते हैं, हम पाठकगण तो केवल आश्चर्य ही करते रह जाते हैं। 🙏🏼

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  17. संदेशपरक नवगीत नए बिंबों के साथ ,बधाई

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  18. 🙏🏻 अनुपम नवगीत सृजन
    आ.गुरूदेव नमन 🙏🏻 बधाईयां व शुभकामनाएं 🙏🏻

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  19. वाह अप्रतिम रचना

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  20. अति सुंदर सृजन गुरुदेव🙏🙏🙏🙏

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  21. अति सुंदर ।सादर नमन गुरुवर

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  22. नमन गुरु जी
    अति सुंदर ।

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  23. शानदार अभिव्यंनाए बिल्कुल नवल कोरी सी।
    बहुत सुंदर सृजन।
    बिंब सभी मुख से बोलते से।
    अप्रतिम नवगीत सृजन पर हृदय से बधाई।

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