Wednesday, February 5, 2020

नवगीत मधुमास संजय कौशिक 'विज्ञात'

नवगीत
मधुमास
संजय कौशिक 'विज्ञात'

मापनी 14/14

गीत अनुपम राग सरगम,
गूँजते मधुमास में फिर।
देख भँवरा,कोकिला को,
घूमता विश्वास में फिर।

1
रंग वासंती छटा के,
मुग्ध तन-मन कर रहे थे।
फिर विशेषण ढूँढ़ कर कुछ,
गुण अलंकृत भर रहे थे।
ज्यों समाहित संधि करती,
यूँ चमत्कृत वर रहे थे।

युगल संस्कारी मनोहर,
दृश्य बैठे पास में फिर।
गीत अनुपम राग सरगम,
गूँजते मधुमास में फिर।

2
मंजरी उस आम की जब,
फूट कर निकली वहाँ से।
वो महक कुछ बावली सी,
बाग में बरसी कहाँ से।
कौन अटकल से बचाए,
दूर थी थोड़ी जहाँ से।

वाक्य माँगे शब्द जैसे,
वर्ण बढ़ते आस में फिर।
गीत अनुपम राग सरगम,
गूँजते मधुमास में फिर।

3
ये मधुर संसार कितना,
देख मधु मक्खी बताए।
वो शहद को ढूँढ़ती है,
जो कसैले से बचाए।
मास का संदेश इतना,
पाठ मीठे का पढ़ाए।

सीख इससे ले बढ़ो कुछ,
हो लगन सुखवास में फिर।
गीत अनुपम राग सरगम,
गूँजते मधुमास में फिर।

संजय कौशिक 'विज्ञात'

@vigyatkikalam

34 comments:

  1. मधुमास बहुत ही सुंदर नवगीत लगा जिसमें प्राकृतिक बिम्ब बहुत ही खूबसूरती से प्रयोग किये गए हैं जिसके कारण पूरा दृश्य जीवंत हो उठता है 👌👌👌 बहुत बहुत बधाई आदरणीय शानदार सृजन की 💐💐💐💐

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  2. अनुपम नवगीत सृजन आ.सर जी शुभकामनाएं 🙏🏻🙏🏻

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  3. वाह बेहतरीन नवगीत, अद्भुत प्रस्तुति 👌👌

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  4. अनुपम कृति। बहुत सुंदर संदेश देती रचना।

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  5. वाह वाह बहुत सुंदर बहुत बढ़िया नवगीत क्या कहने आदरणीय

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  6. बहुत सुन्दर ंंनवगीत

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  7. अनुपम नवगीत आदरणीय
    प्रकृति का सुंदर चित्रण

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  8. मधुमास का चरित्र वर्णन आपके नवगीत में रोम-रोम को झंकृत करता, प्रणय मिलन मे श्वास-प्रश्वास का स्पंदन स्वयं को ही उत्तेजित करता हो। बहुत उम्दा नवगीत। हार्दिक बधाई।

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  9. मधुमास का बहुत ही सुन्दर वर्णन
    वाक्य माँगे शब्द जैसे,
    वर्ण बढ़ते आस में फिर।
    गीत अनुपम राग सरगम,
    गूँजते मधुमास में फिर।
    बेहतरीन सृजन

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  10. बहुत सुंदर सरस नवगीत।
    वसंत में आम्र ही नहीं बौराते,
    कवि की लेखनी भी बौरा जाती है ।
    अनुपम, अभिनव अभिराम अभिव्यक्ति।

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  11. बहुत सुन्दर... बहुत ही सुन्दर..

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  12. अति मनोहारी बेहतरीन शब्द सँजोजन बधाई हो।

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    1. आत्मीय आभार अनिता मिश्रा जी

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  13. अति उत्तम नवगीत

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  14. अति सुंदर एवं उत्कृष्ट रचना

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  15. प्रकृति का मनोहारी चित्रण 👏👏👏👏👏👏बहुत सुन्दर नवगीत बन पड़ा है👌👌👌👌

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  16. विज्ञात जी की तूलिका से मधुमास के दिव्य आनन्द की अनुभूति।

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