Thursday, February 6, 2020

छंद :- पीयूष वर्ष/आनंद वर्धक आधारित गीत वीरता संजय कौशिक 'विज्ञात'





छंद :- पीयूष वर्ष / आनंद वर्धक
पीयूष वर्ष छंद सम मात्रिक छंद है 10,9 पर यति प्रति 2 चरण तुकांत समतुकांत रहते हैं। जिसमें 19 मात्राएँ रहती हैं। और 3, 10, 17 वीं मात्रा लघु {1} अनिवार्य रहती है।और अंत गुरु लघु रखना आवश्यक है। आइये मापनी और गण से समझते हैं 
मापनी - 212 2 21 22 2  12 
गण - रगण तगण मगण लघु गुरु 

छंद आनंद वर्धक:- इसी छंद तथ इसी मापनी में यति अनिवार्य न हो और अंतिम गुरु को  दो लघु-लघु 11 लिख देने की छूट से यह छंद आनंद वर्धक छंद का शिल्प बन जाता है। आइये इसे मापनी और गण से समझते हैं
मापनी - 212 2 21 22 2  111
गण - रगण तगण मगण नगण 

उदाहरण: 
छंद:- पीयूष वर्ष (आधारित गीत)

धारती जो भूमि, ऐसी धीरता।
काट दे जो शीश, वो ही वीरता॥ 

रोप दो ये बीज, योद्धा रक्त का।
बाग हो तैयार, ऐसे भक्त का॥ 
शक्त का ही शौर्य, छाती चीरता
काट दे जो शीश, वो ही वीरता॥ 

ध्वस्त होते नित्य, वो षड्यंत्र हैं।
सिद्ध वाणी सोच, सारे मंत्र हैं॥ 
यंत्र हैं वो नाद, देखो क्षीरता 
काट दे जो शीश, वो ही वीरता॥ 

आज बातें आम, होती देश से।
शांत हो माहौल, कैसे क्लेश से॥ 
भेष से ही पस्त, ये गंभीरता
काट दे जो शीश, वो ही वीरता॥ 

संजय कौशिक 'विज्ञात'

14 comments:

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  2. वाह वाह आद. । ओजपूर्ण गीत।

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  3. वीर रस और ओज गुण के सौंदर्य से परिपूर्ण मनोरम शब्दावली से युक्त उत्कृष्ट रचना 👌👌👌

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  4. बेहतरीन सृजन आ.सर जी शुभकामनाएं 🙏🏻

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  5. वाह वाह वीर रस पर लिपटी यह रचना बहुत सुन्दर आदरणीय

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  6. वाह वाह वीर रस पर आधारित आप की बेहतरीन सुन्दर रचना

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  7. अति सुन्दर सर जी बधाई हो

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  8. देशभक्ति के प्रति उतप्रेरक रचना। अति उत्तम। सादर बधाई।

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  9. बहुत खूब ...कौशिक जी

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  10. बहुत सुंदर गीत आदरणीय

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  11. अद्भुत,अनोखा वीर रस से भरपूर सुन्दर छंद 👌👌👌👌👌👌

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  12. सरल सहज प्रवाह लिए दमदार ओज रचना

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