Sunday, February 2, 2020

छंद मनोरम शौर्यता की लिख कहानी संजय कौशिक 'विज्ञात'


छंद मनोरम   
शौर्यता की लिख कहानी 
संजय कौशिक 'विज्ञात'

विधान - मनोरम छंद एक मात्रिक छंद है इसके 4 चरण होते हैं। प्रत्येक चरण में 14 मात्राएँ होती हैं, आदि में 1 गुरु और अंत में 2 गुरु अनिवार्य होते हैं।  212 (रगण) या 122 (यगण) अनिवार्य है। 3-10 वीं मात्रा पर लघु 1 अनिवार्य है l  प्रति दो चरण तुकांत संतुकांत रहेंगे, मापनी और गुरु लघु से समझते हैं इस छंद के शिल्प को 
मापनी -
2122 2122
{रगण तगण गुरु गुरु}

🏆 वीर रस 🏆


मनोरम छंद आधारित गीत 
2122 2122

सैनिकों की ले प्रधानी 
काम आये कुछ जवानी 
वीर योद्धा बन निशानी 
शौर्यता की लिख कहानी 

हौसले भी हिल न पाएं 
देख तूफानी हवाएं 
नाम तेरा ले दिशाएं
वीर तुझको ही बताएं
वे सुनाएं सब जुबानी 
शौर्यता की लिख कहानी 

ये तिरंगा झुक न पाए 
रक्त की ऊर्जा बढ़ाए 
दौड़ तू इसको उठाए 
उच्च लहरें फिर जगाए 
तू दिलाए याद नानी 
शौर्यता की लिख कहानी 

धैर्य कितना भी करो तुम 
गोलियाँ अरि में भरो तुम 
शत्रुओं से क्यों डरो तुम 
मौत उनकी ही वरो तुम 
मत मरो तुम बन रवानी 
शौर्यता की लिख कहानी 

पर्व राखी भूल जाओ 
साहसी हो ये बताओ 
पीठ रिपु को मत दिखाओ 
मार जिंदा ही जलाओ 
कौन तेरा आज सानी 
शौर्यता की लिख कहानी 

देख कौशिक रुक न जाना।
वादियों में है ठिकाना। 
चूड़ियाँ उसकी बहाना। 
जीत से रिश्ता निभाना।
तू सियाना वो सियानी
शौर्यता की लिख कहानी

संजय कौशिक 'विज्ञात'

58 comments:

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    1. सुशीला जोशी । 2फरवरी 2020
      एक प्रयाण-गीत जैसी रचना जिसे पढ़ के पत्थर में भी जोश आ जाये । जिसे गाते गाते हाथ पांव और हृदय में गति भर जाए ।जिसे पढ़ कर स्वयं से ऊपर उठ कोई भी परोपकार में लग जाए । इस रचना के लेखक को कोटि कोटि नमन व बधाई । यह रचना कालजयी रचना कही जा सकती है ।

      सुशीला जोशी
      मुजफ्फरनगर

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  2. मनोरम छंद में लिखी वीर रस से ओतप्रोत सैनिकों का मनोबल बढ़ाती आपकी ये रचना सैनिकों का मनोबल बढ़ाती है।उत्कृष्ट सृजन के लिए बधाई आदरणीय

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    1. अर्चना पाठक निरंतर जी आत्मीय आभार

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  3. बहुत बढ़िया जोरदार

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  4. मनोरम छंद का वीर रस में बेहतरीन सृजन आ.सर जी
    शुभकामनाएं 🙏

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  5. बहुत ही शानदार सृजन... वाह...

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    1. वंदेमातरम आइडियल विद्यालय आपकाआत्मीय आभार

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  6. मनोरम छंद का वीर रस में बेहतरीन सृजन आ.सर जी
    शुभकामनाएं 🙏

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  7. सर्वोत्तम उत्कृष्ट सृजन

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  8. शौर्य और पराक्रम को दर्शाता एक उत्प्रेरक गीत, बधाई हो आपको।

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    1. आत्मीय आभार प्रवीण त्रिपाठी जी

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  9. वाह अद्भुत शौर्य और पराक्रम के भाव लिए बहुत ही अद्भुत गीत, बेहतरीन 👌👌👌💐

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    1. अनुराधा चौहान जी आत्मीय आभार

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  10. ओज पूर्ण रचना,शौर्य का उत्कृष्ट उदहारण। अशेष बधाई विज्ञात जी!

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    1. रामचंद्र प्रधान लोईंग जी आत्मीय आभार

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  11. अतीव सुंदर गीत !

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  12. शौर्यता की कहानी...कौशिक जी की जुबानी...

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  13. अद्भुत शौर्य गाथा सर जी।

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    1. आत्मीय आभार बोधन राम निषाद राज विनायक जी

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  14. आपकी लेखनी निःशब्द कर देती है ।
    आआपके मार्गदर्शन से बहुत सीखा और सीख रहे हैं
    प्रणाम गुरु जी

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  15. पीठ रिपु को मत दिखाओ
    मार जिंदा ही जलाओ
    वाह वाह बहुत खूब बेहतरीन सृजन गुरु देव

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    1. आत्मीय आभार चमेली कुर्रे सुवासिता जी

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  16. सैनिकों की शोर्य गाथा ,उनकी हौसला अफजाई और उनको निस्वार्थ निर्लिप्त रहने का सुंदर संदेश लिए बहुत सुंदर मनोरम छंद की अनुपम रचना।
    रचना के साथ छंद विधान की पूर्ण जानकारी आपकी हर प्रस्तुति को और भी विशिष्ट बना देती है।
    अभिनव।

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    1. आत्मीय आभार कुसुम कोठारी जी
      प्रेरणात्मक प्रतिक्रिया के लिए पुनः आत्मीय आभार

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  17. मनोरम छंद विधान की सुंदर जानकारी के साथ में वीर रस से भरपूर लाजवाब रचना 👌👌👌 सादर नमन 🙏🙏🙏

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  18. बहुत सुन्दर वीरता के भावों से भरी हुई कविता।नमन
    आपकी रचना को सर।

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    1. आत्मीय आभार डॉ सरला सिंह स्निग्धा जी

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  19. पीठ रिपु को मत दिखाओ।

    वाह अतिसुन्दर। वीर रस का रसास्वादन कराती कविता।

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    1. स्वधा रविन्द्र उत्कर्षिता जी आत्मीय आभार
      प्रथम आगमन पर अभिनंदन

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  20. वाह लाजवाब सृजन!

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  21. हमेशा की तरह .....उत्कृष्ट रचना

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  22. बहुत सुंदर सर जी



    उमाकान्त टैगोर

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  23. अत्यंत उत्कृष्ट रचना

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  24. अद्भुत 👌👌👌👌👌👌👌शौर्य से भरपूर सुन्दर गेय छंद👏👏👏👏👏👏

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  25. वाह वाह वाह जी अद्भुत

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  26. मनोरम छंद का सुंदर निर्वाह करती आपकी रचना वीर रस और ओज गुण के सौंदर्य से युक्त है।शब्द चयन सटीक और सार्थक है।भाव अति उत्तम।मुहावरों का प्रयोग बहुत ही सुन्दर है। प्रभावशाली रचना के लिए बधाई आदरणीय 🙏🌷

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  27. उत्कृष्ट नव गीत आदरणीय

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  28. दुर्गम स्थितियों में अपने जज्बे को बनाए रखने वाले सैनिक के समर्थन में खड़ी दमदार रचना।

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